उच्च मूल्य के नोटों को विमुद्रीकरण (नोटबंदी) पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक का वक्तव्य
प्रधानमंत्री द्वारा काले धन के उन्मूलन व नकली मुद्रा को चलन से बाहर करने के लिए 8 नवंबर 2016 की मध्य रात्रि से किये 500 व 1000 रूपये मूल्य के नोटों के विमुद्रीकरण का स्वदेशी जागरण मंच स्वागत करता है। मंच द्वारा 2009 से ही विदेशों में जमा काले धन को वापिस लाने सहित सभी प्रकार के काले धन व नकली मुद्रा के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाता रहा है। इस विमुद्रीकरण के फलस्वरूप देश में रोकड़ मुद्रा में जमा काले धन का बड़ी मात्रा में उन्मूलन होगा।
सरकार ने इसके पूर्व वर्ष 2015 में विदेशों में जमा धन व इसी वर्ष 1 जून से 30 सितंबर तक देश में जमा धन की स्वैच्छिक घोषणा की योजना का भी संचालन किया था। इन दोनों योजनाओं के अधीन क्रमशः 4147 करोड़ व 65,250 करोड़ रूपयों की घोषणा हुई थी
इसी अवधि में इण्डोनेशिया में 380 अरब डालर अर्थात् 25 लाख 40 हजार करोड़ रूपये तुल्य काले धन की घोषणा हुयी, जिसमें 180 अरब डालर 12 लाख करोड़ रूपये तुल्य राशि विदेशों में जमा थी। इस दृष्टि से भारत के संदर्भ में विदेशों में जमा धन की मात्र 4147 करोड़ रूपये की घोषणा से प्रतीत होता है कि जो भारतीयों का काला धन विदेशों में जमा है, वह यथावत ही रह गया प्रतीत होता है। इसलिए विदेशों में जमा काले धन को उजागर करने की और प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है। विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने आदायों के मूल्य अन्तरणों में होने वाली कर चोरी रोकने और कर मुक्त क्षेत्रों से करापवंचना पर भी प्रभावी रोक के साथ ही पार्टिसिपेटरी नोटों के माध्यम से काले धन के निवेश पर भी अंकुश लगाया जाना आवश्यक है। ...
............................... Statement of National convenor of SJM on Demonetization of high value notes
SJM welcomes the announcement of Prime Minister demonetising Rs. 500 & Rs. 1000 currency notes from midnight of November 8, 2016 to eliminate black money & take out fake currency from circulation. SJM has been campaigning for effective action against black money and counterfeit currency including for bringing back the black money stashed abroad. This recent demonetisation will eliminate black money deposited in cash to large extent. Earlier also, in the year 2015 and from June 1st, 2016 to September 30, 2016 government had announced voluntary declaration scheme. Under both these schemes Rs. 4147 crores and 65,250 crore were declared respectively. During same period US $380 billion black money that is Rs. 25,40,000 crore were declared in Indonesia. Out of which 180 billion dollors that is Rs. 12,00,000 crore black money was stashed offshore. By comparison mere Rs. 4147 crore declaration of offshore black money in India means the black money stashed away by Indians abroad is still intact. Therefore exposure of black money stashed abroad and taking effective steps to bring that black is necessary. Tax evasion by MNCs through transfer pricing or by round tripping the incomes through tax free zones and investment of black money through participatory notes also need to be effectively curbed to contain black money.