प्रेस नोट
स्वदेशी जागरण मंच स्वदेशी नीतियों के प्रसार के लिए कटिबद्ध है, और आज इस अवधारणा को चीन से बड़ा खतरा है। यहां तक कि रक्षाबंधन पर राखियां भी बड़ी मात्रा में चीन से आयात हो रही हैं। चीन से आज पांच किस्म का खतरा है: बेरोजगारी, व्यापारिक, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण, सुरक्षा एवं साम्राज्यवादी नीतियों का। हमारा अभियान इस चुनोति के प्रति जनजागरण, और चीनी सामान के बहिष्कार के लिए मानसिकता तैयार करना है। वर्ष 2015-16 में चीन से हमारा व्यापार घाटा 52.7 अरब डालर तक पहुंच चुका था, जो हमारे कुल व्यापार घाटे (119 अरब डालर) का 44 प्रतिशत था।
हमारे देश से व्यापार द्वारा भारी लाभ उठाने के बावजूद भी चीन भारत से लगातार शत्रुता का भाव रखता आया है। पाकिस्तान के अनाधिकृत कब्जे वाले भारत के भू-भाग में सैनिक अड्डे बनाने का काम हो, भारतीय सीमा का अतिक्रमण हो, कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के अड़ंगा डालना हो, भारत के न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एन.एस.जी.) में सदस्यता की बात हो, या अरूणाचल प्रदेश समेत भारत के कई भू-भागों पर अपना अधिकार जताते हुए, भारत को बार-बार परेशान करने की बात हो, चीन के कुकृत्यों की एक लंबी सूची है।
चीन के कारण हमारी अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसानों और उसके आयात के कारण होने वाली उद्योग बंदी व बेरोजगारी के मद्देनजर भारत की जनता द्वारा पिछले साल चीनी सामान के बहिष्कार के चलते दीपावली के अवसर पर चीनी माल की बिक्री पर 30 से 50 प्रतिशत का असर हुआ था। ,
जनता द्वारा इस ऐतिहासिक बहिष्कार और आपके नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा पहले चीनी पटाखों के आयात पर प्रतिबंध और बाद में चीन से प्लास्टिक वस्तुओं के आयात पर रोक लगाने के कारण चीन से आने वाले आयातों में कमी के फलस्वरूप 2016-17 के प्राप्त आकड़ों के अनुसार चीन से व्यापार घाटा 2 अरब डालर कम रहने की उम्मीद है। चीनी स्टील पर भी आपकी सरकार द्वारा 18 फीसदी एंटी डंपिंग टयूटी लगाने का स्टील उद्योग पर बहुत अच्छा असर हुआ है। पटाखे, पतंग के माझे, प्लास्टिक की कुछ चीजों पर प्रतिबन्ध से भी लाभ हुआ है। भारत सरकार ने ओबोर, अर्थात 'वन बेल्ट, वन रूट' के लिए आयोजित बैठक कर चीन को कड़ा सन्देश दिया है।
पिछले वर्ष के चीनी बहिष्कार के अभियान को जारी रखते हुए, स्वदेशी जागरण मंच ने वर्ष 2017 को ‘चीनी वस्तुओं और कंपनियों के बहिष्कार का वर्ष’ घोषित किया है। इस वर्ष के अभियान के पहले चरण में स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने देश भर में आमजन से हस्ताक्षर करवाते हुए युवाओं के रोजगार को बचाने हेतु चीनी माल के बहिष्कार का संकल्प करवाया है। इस हस्ताक्षर अभियान को देश भर में भारी समर्थन प्राप्त हुआ है, और एक करोड़ लोगों ने संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किए।
अगले चरण में 688 ज़िलों में से 500 जिलो के जनजागरण हेतु ज़िला सम्मलेन हो चुके हैं
। दिवाली से पहले घर-घर में ऐसा संपर्क और ब्लॉक् स्तर की विचार गोष्ठियों का आयोजन होने वाला है। 29 अक्टूबर को दिल्ली के प्रसिद्ध रामलीला मैदान में दिन भर का विशाल जनसभा का आयोजन होगा जिसमें प्रख्यात विद्वान, लेखक व चिंतक सम्मिलित होंगे।
इस अभियान को सफल बनाने हेतु ही आज यहाँ कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।
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