बार-बार पानी पीने के बाद लगे प्यास, तो ऐसे बुझाओ
आयो गर्मी का स्वागत करें। इस प्रकार के कई फार्मूले या देसी टोटके बहुत लाभ देते है। ये मौके पर याद नहीं आते तो आदमी घूम फिरकर दुबारा पेप्सी कोक के चक्कर में पड़ जाते है। क्यों न थोड़े अधिक परिवर्तन के साथ इसे छपवा क्र बाँट दिया जावे। आपका सुझाव क्
जब बार-बार पानी पीने के बाद भी प्यास शांत न हो। ऐसा लगे कि प्यास नहीं बुझ रही है, तो गर्मियों में ऐसा करें... डाइट में करो ये शामिल खीरे में पानी की अच्छी मात्रा होती है। फाइबर और विटामिन-सी भी मिलता है। स्ट्राबेरी में पानी की मात्रा 92 प्रतिशत होती है। इसमें फोलेट भी मौजूद होता है, जो नई कोशिकाओं की वृद्धि के लिए बहुत जरूरी है। तरबूज में भी पानी की मात्रा 92 प्रतिशत होती है। इसका नाम ही वाटरमेलन है। यह विटामिन सी का भी अच्छा स्त्रोत है। इसमें मौजूद लाइकोपीन कैंसर और हृदय रोगों से बचाता है। दही में पानी की मात्रा 85-88 प्रतिशत होती है। इसका रायता बनाकर खाएं या लस्सी बनाकर पीएं। पूरा दिन तरोताजा रखने के साथ गर्मी के मौसम में दही का सेवन काफी फायदेमंद होता है। पालक में पानी की मात्रा 91.4 प्रतिशत होती है। इसके अलावा इसमें ल्यूटीन, पोटेशियम, फाइबर और फोलेट जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। यह नुस्खे भी आजमाकर देखें 1- पानी में शहद मिलाकर कुल्ला करने या लौंग को मुँह में रखकर चूसने से बार-बार लगने वाली प्यास शांत होती है। 2- अनन्नास का ऊपरी छिलका और भीतरी कठोर भागनिकाल कर उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके पकाकर नरम बनाएं। उसमें चीनी की चाशनी बनाकर डाल दें। इस मुरब्बे का सेवन करने से प्यास बुझती है तथा शरीर की जलन शांत होती है, इससे हृदय को बल मिलता है। 3- गाय के दूध से बना दही 125 ग्राम, शकर 60 ग्राम, घी 5 ग्राम, शहद 3 ग्राम व काली मिर्च-इलायची चूर्ण 5-5 ग्राम लें। दही को अच्छी तरह मलकर उसमें अन्य पदार्थों को मिला दें और किसी स्टील या कलई वाले बर्तन में रख दें। यह थोड़ा-थोड़ा दही सेवन करने से बार-बार लगने वाली प्यास शांत होती है। 4- जौ के भुने सत्तू को पानी में घोलकर, उसमें थोड़ा सा घी मिलाकर पतला-पतला पीने से भी प्यास शांत होती है। 5- चावल के मांड में शहद मिलाकर
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