भूमिका: चुनाव का महत्व (2200 शब्द)
चुनाव 2019 लोकसभा में स्थान स्थान पर दिया भाषण का प्रारूप:
1. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव 2019 में दुनिया के कई रिकॉर्ड टूटने वाले हैं, इस 16वे जनरल चुनाव में वोटर संख्या होगी 90 करोड़ लोग, जो कि पूरे यूरोप महाद्वीप और ब्राज़ील से अधिक हैं, या जिस अमेरिका की पूरी दुनियां में धमक है उसकी आबादी का तीन गुना ज्यादा इस बार भारत के वोटर लिस्ट पर है और जी 543 सीटों पर लड़ेंगे। जोकि सन 20 14 से आठ करोड़ 40 लाख वोटर बढ़ गए हैं, अर्थात दो ऑस्ट्रेलिया बढ़ गए। एक जर्मनी नया वोट करने वाला वोट हैं। और याद रहे कि दुनिया के 187 देशों की आबादी इस आठ करोड़ 40 लाख से कम है। 2. सवा करोड़ लोग पहली बार वोट डालने वाले हैं, अर्थात एक नीदरलैंड के बराबर। 3. कितना खर्च आएगा यदि पूछा तो अनुमान लगाया गया है की लगभग 50 हज़ार करोड रुपया इसमें लग जाएगा । मायने सिर्फ चुनाव चुनाव में लग जाएगा 7 अरब डॉलर, मायने जितना पाकिस्तान के पास इस समय फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व है 7 बिलियन डॉलर का उतना हमारे यहां सवा महीने के चुनाव में लग जाएगा। अमेरिका में 2016 में साढ़े छह बिलियन डॉलर खर्च आया था। दूसरा अनुमान है कि एक लाख करोड़ रुपये का जो 14 बिलियन डॉलर बन जाएगा। इसलिए इसको दुनिया का सबसे महंगा और सबसे बड़ा चुनाव माना जाता है यह लोकतंत्र का पर्व है बल्कि महापर्व है । जो लोग वोट नहीं भी डाल रहे हैं वह भी शिद्दत के साथ पार्टी की चर्चा कर रहे होंगे विचारों की चर्चा कर रहे होंगे और मेनिफेस्टो खंगाल रहे होंगे शायद एक घटना पर सारा देश इस प्रकार से चर्चा नहीं करता जब क्रिकेट की चर्चा होती है तो कितने संत लोग पंडित लोग आराम से राम नाम जप रहे होते हैं जब धार्मिक आयोजन होते हैं तो कितने ही दूसरे धर्मावलंबी किनारा कर लेते हैं परंतु कोई भी धर्म हो कोई भी मजहब हो कोई भी पंच हो कोई भी काम हो धंधा हो महिला हो या पुरुष हो कहीं ना कहीं इस काम में जुटे होते हैं किसी का समर्थन कर रहे होते हैं तो किसी की टांग खींच रहे होते हैं, किसी की ताली पीटते होते हैं और किसी के लिए माथा पीट रहे होते हैं, या एक दूसरे को पीट रहे होते हैं।मायने सब लोग लगे हैं ऐसे में बहुत बड़ा दायित्व उन लोगों का बनता है जो चुनाव से हटकर समाज नीति का विचार करते हैं कि कैसे कुछ मौलिक बातें हर एक के दिमाग में आए। यही लोकतंत्र का प्रशिक्षण है यही लोकतंत्र का परिष्कार है। ना की जैसा है वैसा स्वीकार है यानी पुरस्कार है, न किसी का बहिष्कार। बल्कि, जैसा उचित है वैसा लोकमत का परिष्कार करना हैं। ये भी एक जरूरी काम है। आओ, इस सरकार की पांच बड़ी चीजों पर क्राइटेरिया पर मोदी सरकारउपलब्धियों का विश्लेषण करें। लोग कैसे मतदान करते हैं? किक्या हमारी शादी विवाह में आएगा, हमारी जाति का है, हमारे पड़ोस के है, या फिर देश के लिए आवश्यक है। पहला छोटी उंगली को छूना और समझना कि कैसे मोदी जी ने आर्थिक मोर्चे पर बढ़त हासिल की। यानि कि मल्टी नेशनल कंपनियों को कंट्रोल किया, दूसरे कैसे गरीबों का उत्थान किया, तीसरे कैसे देश की प्रगति के लिए जरूरी इन्फ्रा स्ट्रक्चर खड़ा किया, चौथे की सुरक्षा और विदेशों से अच्छे संबंध खड़े किए, और पांचवे कि कैसे सांस्कृतिक उभार लाया जो किसी और सरकार से उम्मीद ही नहीं कर सकते। ये हर व्यक्ति के दिमाग मे डालना है, उसकी पांचो उंगलियों में प्रस्फुटित करना है कि वोटिंग मशीन में लिए पांचों उंगलियां मिल कर कमल को ही दबाए। आर्थिक, अंत्योदय, आधारभूत संरचना, अस्मिता।
1. बहुराष्ट्रीय कंपनियां :
एक बात मुझे बताओ कि ये चुनाव गली मोहल्ले के नालियां बनाने के लिए नहीं , ट्रांसफर करवाने के लिए नहीं है, छोटे-मोटे कामों के लिए नहीं है । बल्कि दुनिया के आम व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन कोई है तो यह मल्टीनेशनल कंपनियां है । इन पर नकेल डालना सबसे बड़ा काम है और दुर्भाग्य से सब सरकारें इनके आगे दुम हिलाती हैं । A. ध्यान रहे दुनिया की 100 बड़ी आर्थिक इकाइयों में से मात्र 29 सरकारें हैं 71 कॉर्पोरेशन्स हैं! There are 14 Chinese firms in the top 100, but 27 from the US) B. ध्यान रहे दुनिया की आधी गरीब आबादी 365 करोड़ जितना कमाती हैं उतना ऊपर के एक करोड़ नहीं, एक लाख नहीं, दस हज़ार नहीं, 100 नहीं मात्र और मात्र 8 आदमी की उतनी संपत्ति हैं, उनमे कोई भी भारतीय नहीं। C. दुनियां की 63% यानी टू थर्ड पॉल्युशन फेलाने का काम सिर्फ 90 ऐसी बड़ी कॉर्पोरेशन्स करती हैं। D. दुनिया के सभी देशों की जीडीपी 78 ट्रिलियन डॉलर उसमे 46 ट्रिलियन $ यानी 64% सिर्फ दुनिया के एक प्रतिशत नहीं बल्कि 0.1% लोगों के पास है। 1. ऐसे में अगर किसी ने अमेजॉन और फ्लिपकार्ट को सबक सिखाया तो यही सरकार है। ई-कॉमर्स पर ऐसे सख्त कदम उठाएं कि हफ्तों के अंदर ही इन कंपनियों का हजार करोड़ ने 5000 करोड़ नहीं 100 करोड़ भी नहीं बल्कि 50 अरब डॉलर का नुकसान इन दोनों कंपनियों का हुआ है, इसलिए ऐसी सरकार को ही दोबारा आने चाहिए जो दुनिया के सबसे बड़े मगरमच्छ के ऊपर भी काबू पा सके। 2. जब भी हम कोई सामान ऑनलाइन खरीदतें है तो हमारा ATM कार्ड या तो मास्टर कार्ड होता था या वीज़ा कार्ड, अतः हर प्रयोग के बाद एक हिस्सा चुपचाप इनकी मालिक विदेशी कंपनियों को चला जाता था। इस सरकार ने इसका नायाब हल निकाला और अपना 'रुपे कार्ड' बना डाला, एकदम स्वदेशी कार्ड। और इसे ऐसे लोकप्रिय किया कि इसकी ही हिंदोस्थान में हिस्सेदारी 65 प्रतिशत हो गयी। 3. ऐसा ही आपने सुना होगा बड़ी-बड़ी कंपनियों ने दिल मे पड़ने वाले स्टेन्ट की कीमत कम है, जेनेरिक दवाइयों की कीमत और सरकार ने स्वयं की दुकानें खोल कर सस्ती दवाएं दी है। 4. इस सरकार का हाथ पकड़ा जाए जिस प्रकार से, मुद्रा योजना, स्टेण्ड अप, स्किल इंडिया, इन्नोवेशन आदि आइडिया प्रधानमंत्री जी ने युवकों को दे दे चुके हैं। उससे विदेश से आने वाला सामान कम होगा । 5. सेना के अंदर भी मेक इन इंडिया के कारणों से विदेशों से पार्ट्स मंगाने की दौड़ कम हुई है देश के कल कारखाने खड़े हुए । 6. तीसरी बात सबसे ज्यादा नुकसान हमारे रोजगार को हमारे व्यापार को हमारे पर्यावरण का हमारे संस्कार का और सुरक्षा का अगर किसी से है तो चीन से है और इसकी कंपनियों से है।और यह पहली बार है यह सरकार ने लगभग एक सो चाइनीस आइटम पर एंटी डंपिंग लगाकर चीन का बोरिया बिस्तर गोल किया है। दिवाली पर बिकने वाले पटाखों पर भी जो चाइना से आते थे प्रतिबंध लगाया है। समाज ने भी इसमें सहयोग किया, स्वदेशी जवारण मंच ने भी अलख जगाया। अभी 10 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा कम हो गया है। कल श्री सुरेशप्रभु ने राष्ट्र को इस के लिए बधाई दी। 7. यह जो लोग चिल्ला रहे हैं सरकार विदेशी कंपनियों की दलाल हैं , उसके लिए एक नाम आपको बोलता हूं जो हमेशा गरीबों के बारे में बोलता है उनका हमदर्द बनता है गरीबों का मसीहा कहते हैं अपने आप को और उसको नोबेल पुरस्कार भी मिल गया उसका नाम जानते हैं - अमृत्य सेन । उसी का चेला Jean Drez ज्यां द्रेज सोनिया माता की नेशनल एडवाइजरी बोर्ड का माननीय सदस्य था। यही अमर्त्यसेन है कि जिसकी पत्नी एम्मा रॉथ्सचाइल्ड Rothschild जो दुनियां के बड़े अमीर घरानों की बेटी है । और उसी कंपनी में यानी कि अमृत्य सेन की ससुराल की कंपनी में हिंदुस्तान से सिर्फ एक छोटी सी आइटम आइटम में ही ₹30 करोड़ चुपचाप बना, कमा लिया। 2004 से 14 के बीच सबसे ज्यादा लाभ अमृत्यसेन के ससुराल वालों ने लिया है । अब धंधा बंद है। अभी ये भी रोएगा कि नहीं ? कहेगा न कि चौकीदार चोर है। कोई मिशेल मामा जो हथियारों की दलाली करता था, अब अंदर पड़ा बिलबिला रहा है। आप समझ सकते हैं कि यही कहानी औरों की भी है।
2. गरीब के लिए वोट दें :
1. गरीब इसके लिए जो भी काम करता है वह मानवता के प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि होते हैं । और आपने देखा होगा की दुनिया में 2 लोग अपने लिए कुछ नहीं कर सकते हैं एक अबोध शिशु बच्चे हैं और दूसरे मानसिक रूप से विकलांग। यह कभी इकट्ठे नहीं हो सकते इनकी कभी यूनियन नहीं बन सकते । इनके लिए दूसरों को मदद करनी पड़ती है। किसी भी सरकार आंकलन का इस बात से होता है गरीब से गरीब और विकलांग व्यक्ति व्यक्ति के लिए क्या करती हैं। 2. कांग्रेस गवर्नमेंट और उनके नेता हमेशा ऐसी कांस्टीट्यूएंसी से खड़े होते रहे यहां पर गरीब हो परंतु उन्होंने यह कोशिश की कि वह हमेशा गरीब बने रहे । जिस दिन उसकी गरीबी से दूर हो जाएंगी, उस दिन को वो कांग्रेस से भी दूर हो जाएंगे। तवलीन सिंह अपनी पुस्तक India’s Broken Tryst में लिखती है कि जब पहली बार सोनिया अमेठी गयी तो वहां की गरीबी या भूखमरी से या तो क्षुब्ध हुई या आकर्षित हुई और बेटे राजीव के साथ इसके बारे में कई बार ज़िक्र किया। परंतु बेटे के प्रधानमंत्री बनने और स्वयं के defacto प्रधानमंत्री बनने के पहले कुछ मास में 30 देशों की इकठ्ठे यात्रा में दुबारा गरीबी का ज़िकर कभी नहीं किया, बल्कि हर देश के फैशन शो में हिस्सा लेती। ये है इनकी मानसिकता! कभी राहुल जी ने गरीब सुनीता के घर रुकने का नाटक किया, फिर दुबारा नहीं गए। अबकी फ़ोटो भी जिस गरीब महिला की मिलते हुए है बो भी फोटोशॉप की गई है। ये इनकी मानसिकता दिखाने के लिए काफी है। . A. इधर मोदी जी ने एक पर एक योजना गरीबो के लिए लाई और साथ मे चिंता की कि वो गरीबी रेखा से निकल आए। सरकार ने उज्जवला योजना जिस प्रकार की बनाई गरीब लोगों के लिए , 7 करोड़ लोगों को LPG का चूल्हा मिल गया। एलपीजी के दो अर्थ हैं, LIBERALISATION उदारीकरण उदारीकरण हुआ कि इस देश का 3 लाख रुपया हर साल जो उधर लिया उसके लिए देना पड़ता है, PRIVATISATION निजीकरण, यानी निजि कारणों से किया जाता है। AUR GLOBALISATION भूमंडलीकरण जिसका भू मंडीकरण हो गया।इस योजना को मनमोहनसिंह जी ने चालू किया, मोदी जी ने इसे गरीब के घर उज्ज्वल करने का साधन बन दिया। वैसे भी सहज हर घर बिजली या सौभाग्य योजना के तहत 18000 गॉंव के 2.5 करोड़ घरों में बिजली की जगमग कर दी। B. जिस प्रकार आयुष्मान योजना बनाई है जिस प्रकार से अति गरीब लोगों को मकान बना कर दिए हैं उसकी अपनी ही बहुत कहानी है पिछले दिनों में श्यामली नामक स्थान का टीवी पर प्रसारण देखा था लाइव डिबेट चल रही थी और पत्रकार पूछ रहा था गरीबों का हितेषी कॉम मुसलमानों की संख्या 2 थी उसमें से एक युवा निकल कर के आया और उसने जब बताना शुरू किया कि किस प्रकार से आयुष्मान योजना के कारण उसके पिताजी का इलाज हुआ है। अभी तक 20 लाख लोग इसका लाभ उठा चुके है। और इसका दायरा 50 करोड़ होने वाला है। मुद्रा योजना के अंतर्गत 17 करोड़ लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। C. इतनी सारी योजनाएं और 35 करोड़ लोगों के खाते खोले - गरीबों के लिए जनधन योजना। D. जानते हैं लगभग सारे के सारे गरीबों के घरों में स्वच्छ भारत के अंतर्गत शौचालय बन गए, दरवाजा बंद तो बीमारी बंद E. एक गरीब व्यक्ति के घर गटबंधन वाले धमके और कहा कि ताऊ इबकै मोदी ने हराना है, बोला, और कुछ कर लो, इसने न हटाइये। मैन सारी उम्र मजदूरी की, हड्डियां गलाई और कई काम भी बने पर एक सपना नहीं पूरा हुआ, अपना घर बनाने का बो मोदीजी ने पूरा कर दिया, साथ ही एक पत्थर को चूमा जिसपर लिखा प्रधानमंत्री आवास योजना। जब सभी नेता सरकने लगे तो उसने फिर बुलाया और हाथ जोड़कर कहा, मेहरबानी करके कुछ और गरीबों के घर बन लेने दी, मोदी के पीछे न पड़ो। सच में अभी तक पुरानी सरकारो ने मात्र 25 लाख घर गरीबों को दिए थे, सिर्फ 5 साल में सवा करोड़े यानी 125 लाख घर बनवा दिए। कुछ लोग पशुओं का चारा खाते थे, अब जेल में सड़ रहे है, कुछ गरीबों का राशन खाते है, ऐसे तीन करोड़ राशन कार्ड खत्म कर दिए। सुना था , गरीब के बच्चे, अच्छा खाना खा सके त्योहारों में, इस लिए भगवान खुद बिक जाते हैं बाज़ारो में,,, और ये गरीबों का खाना, उनके सपने खा जातें है। शुक्र सरकार ने इनसे बचा लिया F. हम जब छोटे थे तभी से ही एक बात पर चुप जो जाते थे कि जातिगत आरक्षण बेशक रहे परंतु क्या सचमुच के गरीब चाहे किसी भी स्वर्ण जाति से हो, क्या उनको आरक्षण नहीं मिलना चाहिए? हमारी बोलती बंद हो जाती थी, क्योंकि हमें ये लगता नहीं था कि कभी होगा, शुक्र है 10 प्रतिशत आरक्षण बिल पास करके इस सरकार ने कर दिखाया है। Ngo स्वदेशी जागरण मंच ने पिछले दिनों दुनियां के सबसे बड़े NGO बिल एंड MILLINDA GATES के ख़िलाफ़ आवाज उठाई, कि ये विदेशी कंपनियों का माल बिकवाने के लिए भारत सरकार को प्रभावित करता है, सरकार ने हमारी बात सुनी और थोड़ी करवाई शुरू की। ध्यान में आया कि देश मे लाखों ऐसे NGOs चलते हैं , अधिकांश विदेशों से पैसा लेते हैं, और उन्ही के हाथों खेलते हैं। और खोज की तो पता चला कि सिर्फ 2 प्रतिशत ही पैसे का हिसाबकिताब देते हैं, सरकार का बनाया गया Foreign Contribution Regulation Act का धड़ल्ले से उलंघ्घन करते थे। सरकार ने एक ही झटके में 20 हज़ार के लाइसेंस रद्द कर दिए। चलते-चलते इस सेना का हिसाब देदें। ये 31 लाख है जो सरकारी स्कूलों (15 लाख, 2011 में) से दुगना है, सरकारी हस्पतालों से 250 गुना है, 400 व्यक्तियों पँर एक NGO है, जबकि 709 व्यक्तियों पर एक पुलिस वाला है! जब भी कोई पावर प्लांट लग्न होता यही स्वयंसेवी समूह अड़ंगा लगा कर खड़े हो जाते। ये विदेशी कंपनियों के मुखोटे थे, उन बड़ी कंपनियों की सेनाएं थी, सब बंद, खाना, पीना, रुक्का, हुक्का सब बंद। बताइए ये कभी चुप बैठे है क्या। चिल्लाहट हमे बंद करवानी है। ये सब कांग्रेस को बहुत प्यारे थे,,,एक बार और सत्ता दीजिये, उनको उखाड़ दीजिये। H. गरीब वैसे भी सरकार ना होती तो भी अपने लोगों ने सेवा भारती के माध्यम से एकल विद्यालय के माध्यम से वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से प्रकल्प चला रखे हैं जिनके द्वारा गरीबों का भला हो यह प्रयास किया जाता है मात्र सरकार के द्वारा गरीबों का भला दस परसेंट का कोटा पहली बार किसी सरकार ने दिया है गरीब जातियों की जो गरीब उनकी चिंता पहली बार हो रही है।
3. इंफ्रास्ट्रक्चर (सड़के व परिवहन):
किसी भी देश की समृद्धि में उस देश की सड़कों, मार्गों का बहुत बड़ा योगदान है। श्रेय किसको जाएगा श्री गडकरी जी या सरकार को, छोड़िये, परंतु पूरे देश में सड़कों, पुलों व फ्लाईओवर का सुंदर जाल बिछ गया है। A. कभी 2 किलोमीटर एक दिन में सड़क बनती थी, 2014 में एक दिन में 7 किलोमीटर सड़क बिछती थी, अब 27 किलोमीटर प्रति दिन का एवरेज है, और जल्दी ही 46 किलोमीटर होने वाला है 2. ऐसे ही ट्रेन की सब पटरियों की मरम्मत का काम आपको हर तरफ दिखाई देगा। नार्थईस्ट के अंतिम छोर तक ट्रेन पहुंच रही है। बुलेट ट्रेन को तो समय लगेगा, लेकिन 125 किलोमीटर से 200 किलोमीटर वाली ट्रेन तो धरती पर चलने ही लगी हैं। C. एक नई शरुआत हुई जो अंग्रेजों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए रोक दी थी, उसे फिर से चालू किया,नदीयों का जलमार्ग के लिए उपयोग करना। प्रियंका गांधी इतराती हुई जिस रास्ते वाराणसी आयी, वो इस सरकार ने ही जलमार्ग को शुरू किया। D. 12 लाख करोड़ की सागरमाला में 6 मेगा पोर्ट्स हैं। E. 50 हज़ार 800 करोड़े रुपए के सेतु भारतम प्रोजेक्ट्स में अंग्रेजों के जमाने के पुलों की मरम्मत जारी है। एक बच्चे का इंटरव्यू जो A से ज़ तक योजनाएं गिनवा देता है और पूछने पर उनका उत्तर भी एक्सप्लेन कर देता है, जादू वही जो सिर पर चढ़ कर बोले।
4. सुरक्षा व विदेशों से अच्छे संबंध: अगर सबसे अधिक किसी काम को शिद्दत से किया है और भारत का नाम दुश्मनो और आतंकवादियों के मन मे ख़ौफ़ पैदा करता है, तो सुरक्षा के मोर्चे पर भारत की इस नई सरकार ने किया है। 👌दिग्गी राजा जनसभा में पूछते हैं कि मोदी जी ने 15 लाख हर एक व्यक्ति को देने को कहा था, किसी को मिला क्या? तुरंत एक व्यक्ति को माइक पर बुलाता है और वो व्यक्ति बताता है कि कैसे बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में उसके पैसे वसूल हो गए। A. एक समय था जब अफगानिस्तान में बौद्ध मंदिरों को तोपों से उड़ा दिया गया था, और आज वहां के राष्ट्रपति हमारे मुल्क देश पे आतंकवादी हमला हुआ, तो उन्होंने दक्षेस सम्मलेन में पाक जाने से मना कर दिया!* B. एक समय था जब ईरान हमारी एक नहीं सुनता था, आज उन्होंने भारत को चाबहार बंदरगाह बनाने, और ईरान में अपनी जहाजों-फौजें रखने की इज़ाज़त दे दी।* C. एक समय था कि नार्थ ईस्ट में अनेकों आतंकवादी terrorists हमला करके म्यांमार भाग जाते थे! आज, वहां की सरकार के सहयोग से, इंडियन आर्मी (भारतीय सेना) ने वहीँ जा के उनके terrorist camps (आतंकवाद मचाने के प्रशिक्षण स्थल) तबाह कर दिए!* 4. एक समय था जब खाड़ी के देश पाक का साथ देते थे! दाऊद बरसों तक दुबई में शरण लिए रहा! आज, सऊदी अरब ने दाऊद की संपत्ति ही जब्त कर ली!* 5. एक समय था, जब खाड़ी के देश में एक व्यक्ति के पास भगवतगीता की प्रति निकल आयी तो उसे जेल में सड़ने को डाल दिया, और अब उन्होंने भारत के PM के आगमन पे अपने यहाँ पहला हिन्दू मंदिर बनाने के लिए जमीन दे दी? और अब उद्घाटन 20 तारीक को हो गया। और 15 अगस्त को अचानक क्या हुआ जो बुर्ज खलीफा तिरंगे में रंगा दिखने लगा?* 7.*☼☼☼ आज अचानक क्या हुआ जो हमारी २६ जनवरी की परेड में संयुक्त आरब अमीरात (UAE) का फौजी दस्ता शामिल हुआ?* और ब मोदी जी सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड देता है। और क्या हुआ कि भारत ने पाकिस्तान के घर मे घुसकर बालाकोट की सर्जिकल स्ट्राइक कर दी परंतु एक भी मुस्लिम देह उसकी मातमपुर्सी करने नही गया। बल्कि 51 मुस्लिम देशों की सभा मे सुषमा स्वराज को प्रमुख अतिथि बनाया जाता है, पाकिस्तान शर्म के मारे वहां गया नहीं और सुषमा जी वहां पर भी पाक की ठुकाई करती है, यानी "पीटो भी और दौड़ने भी न दो, मारो भी और रोने भी न दो," 8. अचानक क्या हुआ जो भारत में इतनी हिम्मत आ गयी कि चीन और अरुणांचल की बॉर्डर में सड़कें बना ली, हवाई पट्टी बना ली, १०० मिसाइल भी तैनात कर दिए और टैंक की डिवीजन पोस्ट कर दी?* और बालाकोट के बाद तो पाकिस्तान को भी समझाता होगा, अब समझ आया हम क्यों डोकलाम में दम दबा कर क्यों भागे। 9. 10. आज अचानक क्या हुआ जो ऑस्ट्रेलिया, इंडिया को यूरेनियम देने को राजी हो गया?* *☼☼☼ आज अचानक जापान ने इंडिया के साथ युद्धाभ्यास किया। 10. आज अचानक क्या हुआ जो अमरीका के नवनिर्वाचित प्रेजिडेंट ने सबसे पहले भारत के PM को फोन करके आभार व्यक्त किया?* और 40 सैनिको को लताड़ता तो है ही, साथ ही भविष्यवाणी करता है कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है। और रूस सबसे बड़ा नागरिक सम्मान मोदीजी को देने की घोषणा करता है। 👌👌कुलमिला कर मोदी जी ने नई ताक़त ग्रहण की है जिसे सॉफ्ट पावर कहते है, लेकिन साथ ही हार्ड पावर भी है, इसे कहते हैं स्मार्ट पावर। जहां जिस की जरूरत पड़ी उसका इस्तेमाल कर लिया।
5.सांस्कृतिक विरासत को लौटाना:
भारत विश्वगुरु बनाना: decolonisation 2014 में प्रारम्भ हुआ। A. कुम्भ तो पहले भी होता था, इस बार भी हुआ, पहले यही खतरा होता था कि बूढे वहीं कह जाएंगे, अब ये की बिछड़े भी मिल जाएंगे, पहले ये की स्टैंपीड में मर जाएंगे, अब ये कि टुकड़ा भी कागज़ के गिराएंगे,Z समारोप: 1. अगर आप इस सरकार के लिए कुछ करना चाहते हैं तो दो काम कीजिये, एक सब्र, दूसरा सहयोग। PATIENCE AND SUPPORT. सब्र रखिये के जिन्हें सजा नहीं दी फांसी का फंदा थोड़ा ढीले से गले मे लटकाए रखना बड़ी सजा है। राममंदिर, धारा 370, 35a, कोई बात नहीं हो सकी, अरे बाकी तो इन बातों को जुबान पर ही नहीं लाते, अगर उम्मीद तो इन्ही से है। सहयोग: कुछ दिन आप भी श्री मोदी बन जाओ। रात रोजाना 2 बजे फ्लाइट उसकी आती है, सुबह 8 बजे देश के किसी दूसरे कोने में जाता है, पहले वहां की टोली के साथ बैठ कर रणनीति बनाता है, मुद्दे समझता है, भरी दोपहर फिर लोगों को बताता है, समझाता है। मायने गली मोहल्ले में निकले, रिश्तेदारों को फ़ोन करें, आठ दस लोगों की चर्चा ले, मीटिंग करें। नोटा का बहिष्कार करें इम्पोर्टेन्ट आदमियों, ओपिनियन मेकर्स को मिले, उनसे बहस बिल्कुल न करें, अपनी और प्रेरित करें, स्वयं मोदी जी बनके देखबे। B. मैने सुना है कि आप मे से एक आदमी है जिसके 3000 कर्मचारी हैं, उसका वास्ता तो 25,30 से पड़ता है, लेकिन वो अब बारी बारी ग्रुप में सबसे बात करेगा कि क्यों दुबारा ये सरकार बननी चाहिए। ये बड़ा योगदान है। 👌बृज भूषण आर्य कैसे उसने मथुरा के अपने गांव में लोगों का स्वरूप बदल दिया। C. एक पन्ना भी वोटर लिस्ट का एक आदमी ने सम्हाल लिया तो बड़ी बात है। 20,30 मित्रों को एक एक पन्ना सम्हालने के लिए प्रेरित किया, ये बड़ी बात होगी। D. अपनी और से एक अपील जारी कर उसकी हज़ार, दो हज़ार प्रतियां छपवा कर बांट दी, बड़ी बात है। साथ मे स्वदेशी, विदेशी वस्तुओं की सूची छपवा दे, लोगबाग सम्हाल के रखेंगे। E. ! 6. जो वोट नहीं देते, उनके हमने लेने हैं: गत वर्ष भारतीय इतिहास का 66.34% वोट पड़ा अर्थात 83 करोड में 25 करोड नहीं डले और 54 करोड 78 लाख वोट डाले गए उसका 31 प्रतिशत भाजपा को सवा 17 करोड़ (17 करोड़ 16लाख 60 हज़ार 220 वोट पड़ा । कांग्रेस को 10 करोड़ 69 लाख मायने भाजपा को साढ़े छः करोड़ ज्यादा वोट पड़ा तो बहुमत अपने दम पर आ गया, लेकिन अगर किसी भी पार्टी के वोट न छीनने हों तो भी एक पार्टी है जिसको 28.22 (सवा अठाइस करोड वोट हैं लेकिन उन्होंने किसी को डाले ही नहीं डाले। अर्थात जितने दोनों भाजपा और कांग्रेस को पड़े उससे थोड़ा अधिक वोट सुरक्षित हैं किसी को डाले ही नहीं गए। निश्चित ही आज का तारीख में वो किसी को नहीं डालने वाले अगर आप कहें तो डाल देंगे। इस बार ये 28 से तीस करोड होने वाला है। ये न बहस करते हैं, न रैलियों में जाते हैं, कबीरदास के पंथ के हैं, कबीरा तेरी झोंपड़ी, गलकतियाँ के पास, करन गे सो भरन गे, तू क्यों भये उदास। ये दुनिया मे हैं, दुनिया के तलबगार नहीं है, बाजार से गुजरते हैं, पर खरीदार नहीं हैं,। इनको जो साध लेगा उसके वोट 50 प्रतिशत से ज्यादा हो जाएंगे। इनको ढूंढ निकलने का तरीका ढूंढना बड़ी बात है। अब कोई ऐसा तरीका भी निकालो यारो, ये जो शहतीर है आंखों पे उठा लो यारो, कैसे आकाश में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो।। E. हमारा मुकाबला पाकिस्तान से हरहिज नहीं है, हमारा फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व सवा चार सौ बिलियन डॉलर से ज्यादा है, जबकि पाकिस्तान के पास 7 बिलियन से भी कम हैं, हालांकि सऊदी अरबिया ने उसे हाल ही 2 बिलियन डॉलर दिए। मैंने tv पर खुद इमरान को कहते सुना कि पाकिस्तान पर 30 हज़ार अरब रुपए का लोन है, की रोजाना 6 अरब रुपए का इंटरेस्ट देना पड़ता है। उससे क्या मुकाबला करना । आज भारत दुनिया की जीडीपी के हिसाब से पांचवी और पुरचसिंग पावर पैरिटी के हिसाब से दूसरी दुनिया की ताकत है। F. आने वाला समय अलग प्रकार का है, ये जो रोजगार आज आपको दिख रहे हैं , आधे तो बंद हो जाएंगे, रोबोट आधे हमारे काम करने लगेगा। 2030 तक एक भी पेट्रोल या डीजल चलित गाड़ी भारत की सड़कों पर नहीं रहेगी। हमें केवल चुनाव में राष्टवादी सरकार को जितवाना ही नहीं है, बल्कि भारत को आगे की चुनोतियों के लिए तैयार करना है, Make Bharat Great Again!
महरूम-ऐ-हकीक़त है साहिल के तमाशाई !
हम डूब के समझे है दरिया की गहराई !!
यह जब्र भी देखा है तारीख की नज़रों से !
लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई !!
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