बात तो पहले भी चली है और लैब में सिद्ध भी हुआ है, परंतु ये बहुराष्ट्रीय कंपनियां जैसे तैसे मैनेज कर फंदे से छूट जाती है।
इस बार न छोटे हम सब या कर सकते हैं?
ईएनएस
नई दिल्ली | October 6, 2016 10:48 am
स्वास्थ्य मंत्रालय के ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी)की जांच में पेप्सिको तथा कोका कोला जैसी कंपनियों के कोल्ड्रिंक्स में एंटीमोनी, लीड, क्रोमियम, कैडमियम और कम्पाउंड डीईएचपी जैसे जहरीले तत्व मिले हैं।
सरकारी जांच में पेप्सिको तथा कोका कोला जैसी कंपनियों के कोल्ड्रिंक्स में एंटीमोनी, लीड, क्रोमियम, कैडमियम और कम्पाउंड डीईएचपी जैसे जहरीले तत्व मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने अपनी जांच में पेप्सी, कोका कोला, माउंटेन ड्यू, स्प्राइट और 7 अप कोल्ड्रिंक्स के सैंपल्स को शामिल किया था। गौरतलब है कि 7 अप और माउंटेन ड्यू पेप्सिको कंपनी के प्रॉडक्ट हैं वहीं, स्प्राइट कोका कोला कंपनी का प्रॉडक्ट है।
डीटीएबी ने इस साल फरवरी मार्च में परीक्षण के लिए इन कोल्ड्रिंक्स का सैंपल एकत्रित किया था और उसके दिशानिर्देशों के तहत ही स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कोलकाता स्थित ‘आॅल इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ’ (एआईआईएचपीएच) में परीक्षण किया गया था। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक एआईआईएचपीएच ने डीटीएबी के चेयरमैन जगदीश प्रसाद को इस टेस्ट से जुड़े रिजल्ट सौंप दिए हैं। इससे पहले इस संस्थान ने विभिन्न स्वास्थ्य वर्धक दवाओं के नमूनों में भी हेवी मेटल्स पाए जाने की पुष्टि की थी।
इस संबंध में पेप्सिको इंडिया के प्रवक्ता का कहना है, ‘हमें अभी तक जांच रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है और जब तक हम यह नहीं जान जाते की जांच में किस मेथडॉलॉजी का प्रयोग किया गया है, हमारे लिए इस रिपोर्ट पर कुछ कहना संभव नहीं होगा। मैं बताना चाहूंगा कि हम अपने सभी उत्पादों में ‘फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स’ के नियमों का पालन करते हैं। हम अपने उत्पादों में इन नियमों के तहत ही हेवी मेटल्स का उपयोग करते हैं।’ वहीं, कोका कोला इंडिया की तरफ से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया गया।
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