Saturday, January 16, 2016

जोधपुर सम्मेलन २५-२७ दिसम्बर २०१५ की प्रमुख बातें

विषयः 12वां अखिल भारतीय सम्मेलन, दिनांक 25-27 दिसंबर 2015,
जोधपुर (राजस्थान) की कार्यवाही एवं लिए गए निर्णय
मान्यवर,
दिनांक 25 दिसंबर 2015 को हनवन्त आदर्श विद्या मंदिर, लाल सागर, जोधपुर, राजस्थान मंे प्रातः 11.00 बजे स्वदेशी जागरण मंच के 12वें अखिल भारतीय सम्मेलन का प्रारंभ हुआ। मंच पर ग्रामीण पृष्ठभूमि को दर्शाती हुई सज्जा के बीच शहीद बाबू गेनू, पं. दीनदयाल उपाध्याय, राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगडी एवं महात्मा गांधी के चित्र विराजमान थे। राष्ट्रीय संयोजक श्री अरूण ओझा, सहसंयोजक गण डाॅ. भगवती प्रकाश शर्मा, श्री सरोज मित्र, प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी, डाॅ. अश्वनी महाजन, श्री आर.सुन्दरम, अखिल भारतीय संगठक श्री कश्मीरी लाल, स्वागत समिति के अध्यक्ष एवं जोधपुर के उद्योगपति श्री पुरूषोत्तम हिसारिया, मुख्य अतिथि श्री रविन्द्र कुमार त्यागी (पूर्व अध्यक्ष, हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लि.), विशिष्ठ अतिथि परम् पूज्यनीय संत स्वामी महेश्वरानंद जी महाराज, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री दीपक शर्मा ‘प्रदीप’, त्रिक्षेत्र संगठक श्री सतीश कुमार, श्री लक्ष्मीनारायण भाला, विद्या भारती के प्रतिनिधि श्री जी.आर. जगदीश, राजस्थान प्रांत के संयोजक श्री भगीरथ चैधरी के करकमलों से भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन किया गया। सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख माननीय डाॅ. मनमोहन वैद्य जी, राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक श्री दुर्गादास, जोधपुर प्रांत प्रचारक श्री मुरलीधर, प्रांत संघचालक श्री ललित शर्मा, प्रांत कार्यवाह श्री श्याम मनोहर, जोधपुर से लोकसभा सांसद श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सहित देश भर के सभी प्रांतों से 1355 प्रतिनिधि उपस्थित थे। सम्मेलन व्यवस्था प्रमुख श्री धर्मेन्द्र दुबे ने मंचासीन अतिथियों का विभिन्न कार्यकर्ताओं के द्वारा मारवाड़ी पगड़ी पहनवाकर स्वागत किया। राजस्थान संगीत अकादमी के कलाकारों ने प्रसिद्ध लोकगीत ‘पधारो म्हारे देश’ का गायन करके सभी का मन मोह लिया। स्वागत समिति के अध्यक्ष ने देश भर से आए हुए प्रतिनिधियों का सूर्य नगरी जोधपुर में हार्दिक स्वागत किया। उद्घाटन सत्र का संचालन त्री क्षेत्र संगठक श्री सतीश कुमार ने किया। 

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि श्री रविन्द्र कुमार त्यागी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में 98 करोड़ मोबाइल का प्रयोग किया जा रहा है एवं 30 करोड़ लोग इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं। किंतु हमारे अपने सर्च इंजन अथवा सर्वर नहीं हैं। इन उपकरणों की खरीद पर भारी मात्रा में देश का धन बाहर जा रहा है और हम केवल एसेम्बलिंग इन इंडिया ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 100 से अधिक हवाई अड्डे है, इनमें से 60 प्रतिशत वायु यातायात मात्र 6 हवाई अड्डों से ही होता है। देश के हवाई जहाज मरम्मत एवं रखरखाव के लिए सिंगापुर भेजे जाते है। भारत ने 600 हवाई जहाजों के आयात का आॅर्डर दिया है। इस बात के लिए हवाई जहाज निर्माण कंपनियों पर दवाब बनाया जा सकता था कि वे इन जहाजों का निर्माण भारत में ही करें। हेलिकाॅप्टर के बारे में उन्होंने बताया कि देश में चार वर्ष पूर्व 270 हेलिकाॅप्टर थे, जो आज घटकर 250 ही रह गये हैं। सरकार ने 20 हजार करोड़ रूपए की लागत के 1500 नए हेलिकाॅप्टर लेने का निर्णय किया है। इन हेलिकाॅप्टर के निर्माण का काम स्वदेशी कंपनियों को भी मिलना चाहिए। देश का सालाना रक्षा बजट 75 हजार करोड़ रूपये का है जो कि आगामी 10 वर्षाें में 13 लाख करोड़ रूपए हो जायेगा। सही नीतियां बनाकर रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी कंपनियों के लिए सुनहरा दशक लाया जा सकता है। उन्होंने अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि देश की 220 पब्लिक सेक्टर कंपनियों के पास 11 लाख करोड़ रूपये की परिसंपत्तियां हैं। ये कंपनियां सरकार के लिए सफेद हाथी बन चुकी हैं। इन सबका बारीकी से अध्ययन करके लगभग 20 संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण कंपनियों को सरकार अपने पास रख ले। शेष 200 कंपनियों को स्वदेशी उद्योगपतियों के हवाले कर देना चाहिए।

मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरूण ओझा ने देश भर से अनुमान से भी अधिक प्रतिनिधियों के जोधपुर आगमन पर हर्ष व्यक्त किया। प्रतिनिधियों में महिलाओं की भागीदारी 30 प्रतिशत से भी अधिक होने का उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा गत वर्ष भूमि अधिग्रहण एवं जीएम फसलों के मुद्दे पर देश भर में चलाये गये  आंदोलन की सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने प्रश्न पूछते हुए कहा कि दावा किया जाता है कि जीएम तकनीक अपनाने से फसलें नष्ट नहीं होती है, तो पंजाब में सफेद कीटों ने बीटी कपास की लाखों एकड़ की फसल को कैसे नष्ट कर दिया? हर समस्या का समाधान विदेशों से लाये जाने वाले बीस/तीस बिलियन डालर (1 बिलियन डाॅलर-6600 करोड़ रूपए) पूंजी निवेश में ढूंढ़ा जा रहा है, इसमें से भी 10 बिलियन डालर कालेधन के स्वर्ग मारीशस से पूंजी निवेश के रूप में आया है। वहीं दूसरी ओर भारत के नागरिकों की बचत के 90 लाख करोड़ रूपए की नगदी बैंकों में जमा पड़ी हुई है। मंच के द्वारा वर्ष भर में संपन्न की गई गतिविधियों का लेखा-जोखा भी राष्ट्रीय संयोजक ने अपने उद्बोधन में प्रस्तुत किया। संत महेश्वरानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में स्वदेशी के उपयोग पर अधिकाधिक बल देने का आग्रह किया। उद्घाटन सत्र में श्री भगवती प्रकाश द्वारा लिखित तीन पुस्तकें - 1. सौर उर्जा-तकनीकी राष्ट्रवाद की प्रासंगिकता, 2.Economic Resurgence through Made by India, 3. आर्थिक सुधार। मध्य प्रदेश के प्रांत सहसंयोजक डाॅ. देवेन्द्र विश्वकर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारत में ग्रामीण विकास’, डाॅ. अशोक शर्मा (दिल्ली) द्वारा लिखित पुस्तक ‘गोधन दर्शन’ एवं काशी प्रांत के संगठक श्री अजय उपाध्याय द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘दीनदयाल उपाध्याय-प्रजातंत्र एवं ग्रामीण भारत’ का लोकार्पण किया गया। प्रांत संयोजक श्री भगीरथ चैधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इसके साथ ही उद्घाटन सत्र समाप्त हो गया। 

प्रांतों के वृत्त - निम्नलिखित कार्यकर्ताओं ने विभिन्न प्रांतों का वृत्त प्रस्तुत किया - 
केरल - श्री वर्गीज़ थोडुपेराम्बिल (प्रांत सहसंयोजक), तमिलनाडू - श्री ईलम कुमार संपत (प्रांत संगठक), कर्नाटक - श्री एस.सी. पाटिल (प्रांत सहसंयोजक), आंध्र प्रदेश - श्री कृष्ण भगवान (प्रांत संगठक), तेलंगाना - श्री पी.श्रीनाथ (प्रांत संयोजक), महाराष्ट्र - श्री अमोल पुसद्कर (प्रांत संयोजक), गुजरात - श्री रमेश दवे (प्रांत संयोजक), म.प्र. - श्री देवेन्द्र विश्वकर्मा (प्रांत  सहसंयोजक), राजस्थान - श्री राजकुमार चतुर्वेदी (प्रांत सहसंयोजक), दिल्ली - श्री गोविन्दराम अग्रवाल (प्रांत संयोजक), जम्मू कश्मीर - श्री पवन बडू (प्रांत संयोजक), हि.प्र.- श्री नरोत्तम ठाकुर (प्रांत संयोजक), पंजाब - श्री विनोद ऋषि (प्रांत संयोजक), हरियाणा - श्री विजय वत्स (प्रांत सहसंयोजक), प.उ.प्र. - डाॅ. राजीव कुमार (प्रांत संयोजक), काशी - श्री निरंजन सिंह (प्रांत संयोजक), अवध- श्री भोलानाथ मिश्र (प्रांत संयोजक), उत्तराखंड - श्री विपिन कुमार राणा (प्रांत सहसंयोजक), बिहार - श्री दिलीप निराला (प्रांत संयोजक), झारखंड - श्री सचिन्द्र बरियार (क्षेत्र सहसंयोजक), बंगाल - श्री सुब्रत मंडल (प्रांत संगठक), उड़ीसा - श्री धीरेन्द्र नंदा (प्रांत संगठक), अरूणाचल प्रदेश - श्री कमलेश कुमार, महिला क्षेत्र - श्रीमति रेणु पुराणिक।

पारित प्रस्ताव - राष्ट्रीय सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर प्रस्ताव पारित किए गए। 
1. सतत् विकास-समय की मांग - इस प्रस्ताव का अंग्रेजी वाचन प्रो. बी.एम.कुमारस्वामी एवं हिन्दी वाचन श्री संजीव महेश्वरी ने किया।
2. मेड बाई इंडिया - इस प्रस्ताव का वाचन डाॅ. भगवती प्रकाश एवं अंग्रेजी में श्री देवेन्द्र श्रीमाली ने किया।
3. कृषि निवेश और पेटेंट को व्यापार वार्ताआंें से बाहर किया जाए - इस प्रस्ताव का वाचन डाॅ. अश्वनी महाजन एवं श्री आर.सुन्दरम् ने किया।
4. राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन हो - इस प्रस्ताव का वाचन श्री लक्ष्मीनारायण भाला एवं श्री धर्मेन्द्र भदौरिया ने किया।

विशेष व्याख्यानः राष्ट्रीय सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किए गए - 1. जीएम फसलें- डाॅ. अश्वनी महाजन, 2. वर्तमान आर्थिक परिदृश्य एवं इससे निकलने का उपाय-डाॅ. भगवती प्रकाश, 3. चीन से चुनौती- डाॅ. भगवती प्रकाश, 4. पर्यावरण-प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी।

भारत सोलर एनर्जी डवलेपमंेट फोरम - मंच के त्रीक्षेत्र संगठक श्री सतीश कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आगामी वर्षों में सौर उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भारत लंबी छलांग लगाने जा रहा है। सौर उर्जा के इस क्रांति में भारतीय उद्यमियों के अधिक से अधिक उद्योग किस प्रकार से खड़े किए जाएं इसके लिए इस संस्था का गठन किया गया है। इसमें सौर उर्जा से संबंधित स्वदेशी उद्योगपति, तकनीकी विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, वित्त विशेषज्ञ, सरकारी नीतियों को स्वदेशी उद्योगों के अनुकूल बनाने की नीतिगत पैरवी करने वाले महानुभावों का समूह सहित अनेक व्यक्तियों को सम्मिलित किया गया है। इस संगठन की विभिन्न स्थानों पर छोटी बैठकें आयोजित की गई है जिसमें एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है। दिनांक 20 फरवरी 2016 को नई दिल्ली में इस संस्था की बड़ी बैठक का आयोजन किया जायेगा। इसमें देश भर से प्रतिनिधियों के भाग लेने की आशा है।

डी.आई.आई.ए. - मंच के सहविचार मंडल प्रमुख श्री अजेय भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी वर्षों में रक्षा उत्पादन में भारी बढ़ोतरी होने वाली है। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उद्योगों की अधिक से अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए Defence Inovators & Industry Association का गठन मंच के प्रयासों से किया गया है। हिन्दुस्तान ऐरोनोटिक्स के पूर्व अध्यक्ष श्री रविन्द्र कुमार त्यागी इसके निदेशक है। 

madebybharat.org –  प्रो. भगवती प्रकाश ने बताया कि देश के लघु एवं मध्यम उद्योगों को एक मंच पर लाने के लिए इस पोर्टल का निर्माण किया गया है। लघु उद्योगों के विभिन्न संकुल (Clusters) आपस में सहकारी समिति बनाकर अपने उद्योगों के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी प्राप्त करने के लिएResearch & Development का व्यय/कार्य करें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी विभिन्न स्वदेशी कंपनियों को एक मंच पर लाया जा रहा है। इस प्रकार Resurgence of India through Techno Nationalism की दिशा में आगे बढ़ने के लिए madebybharat.org का निर्माण किया गया है। सभी जिलों में इसकी ईकाईयां गठित करनी है।
  
समानांतर सत्र - राष्ट्रीय सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर समानांतर सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में निम्नलिखित महानुभावों ने कार्यकर्ताओं को विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की एवं प्रश्नों का समाधान भी किया - 
1. आर्थिक: प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी, डाॅ. अश्वनी महाजन एवं श्री आर.सुन्दरम 
2. देशी चिकित्सा: श्री लालजी भाई पटेल, डाॅ. बलदेव (जयपुर) एवं श्री महेन्द्र कच्छवाहा (राजस्थान) 
3. महिला: श्री सरोज मित्र, श्रीमति रेणु पुराणिक एवं डाॅ. अमिता पत्की
4. कृषि: श्री अजय पत्की, श्री भगीरथ चैधरी एवं श्री कर्मवीर चैधरी

स्वदेशी संदेश यात्रा एवं हुंकार सभा - दिनांक 26 दिसंबर को दोपहर 2.00 बजे देश भर से आए हुए प्रतिनिधि महाराजा उम्मेद स्टेडियम में एकत्रित हुए। सभी प्रांतों के कार्यकर्ता अपने-अपने प्रांतों के झण्डे और बैनर के साथ पंक्तिबंद्व होकर जोधपुर के प्रमुख मार्गों से पद-यात्रा करते हुए गांधी मैदान की ओर बढ़े। स्वदेशी संदेश यात्रा के आगे ढोल नगाड़े, ऊंट, लोक नर्तक चल रहे थे। मंच का राष्ट्रीय नेतृत्व इस यात्रा की अगुवाई कर रहा था। मार्ग में अनेक स्थानों पर सभी पंथों के नागरिकों ने यात्रा का भव्य स्वागत एवं अभिनन्दन किया। दोपहर 4.00 बजे यह यात्रा सरदारपुरा स्थित गांधी मैदान में पहुंचकर विशाल हुंकार सभा में परिवर्तित हो गई। इस सभा में आए हुए नागरिकों का उत्साह देखते ही बनता था। हुंकार सभा में मंच पर श्री अरूण ओझा, प्रो. भगवती प्रकाश, प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी, श्री आर.सुन्दरम्, श्री पुरूषोत्तम हिसारिया, श्री लक्ष्मीनारायण भाला, श्री सरोज मित्र, श्री कश्मीरी लाल, विद्या भारती के प्रतिनिधि श्री जी.आर. जगदीश एवं डाॅ. अमिता पत्की (महाराष्ट्र प्रांत महिला प्रमुख) उपस्थित थे। काशी प्रांत के कार्यकर्ता श्री चन्द्रशेखर एवं राजस्थान (भीलवाड़ा) के कार्यकर्ता श्री कैलाश जीनगर ने मनमोहक गीत प्रस्तुत किए। 

सभा में डाॅ. भगवती प्रकाश ने चीन के द्वारा भारत के बाजारों में 6 लाख करोड़ रूपये का माल प्रतिवर्ष बेचे जाने पर देश को सावधान करते हुए कहा कि चीनी माल को खरीदना शहीदों की विधवाओं का अपमान करने जैसा है। उन्होंने कहा कि जीएम के द्वारा भारत की जैव विविधता एवं जैव द्रव्य को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। श्रीमति अमिता पत्की ने विचार रखते हुए कहा कि भारत अपने बल पर ही सैकड़ो वर्षों तक विश्व व्यापार में छाया रहा। किंतु आज विदेशी हमें सब चीजें सिखाने के लिए आतुर हो रहे है। हम भी उनका अनुसरण कर रहे है। जिसके फलस्वरूप भारत का विश्व व्यापार में हिस्सा मात्र 2 प्रतिशत ही रह गया है। श्री कश्मीरी लाल ने 1962 में चीन के साथ युद्ध में जोधपुर के अमीर शहीद मेजर शैतानसिंह को याद करते हुए कहा कि हमें चीन का माल नहीं खरीदना है। उन्होंने बताया कि वैश्वीकरण की गलत नितियों के कारण आज देश के प्रत्येक नागरिक पर लगभग 50 हजार रूपये का कर्ज है। इसे सरलता से समझाने के लिए उन्होंने सुकरात एवं क्रीटो का उदाहरण भी दिया। श्री कश्मीरी लाल ने चैन्नई एवं कश्मीर में आई हुई विनाशकारी बाढ़ की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भारत को सतत् विकास के रास्ते पर ही आगे बढ़कर ऐसी समस्याओं से छुटकारा पाना होगा। सभा में उन्होंने हिमाचल के गगरेट ैमर्् के आंदोलनकारी श्री नरेन्द्र परमार एवं केरल में कोका-कोला का प्लांट बंद करवाने वाले आंदोलनकारी श्री वर्गीज़ थोडूपेराम्बिल का परिचय एवं स्वागत करवाया। श्री अरूण ओझा ने कहा कि भारत वर्ष केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं है, अपितु एक विशिष्टता का सूचक है। मौहम्मद बिन कासिम से लेकर लार्ड माउंटबेटन तक सबने इसको लूटा है। स्वतंत्रता के उपरांत जिस व्यक्ति के हाथों में देश की सत्ता सौंपी गई वह व्यक्ति इस देश की मिट्टी में पला-बढ़ा नहीं था। उस व्यक्ति का यह मानना था कि भारत की जनता निरक्षर, मूर्ख एवं हिंसक है। विदेशी सोच के ढ़ांचे में पढ़े हुए इस व्यक्ति की गलत नीतियों के कारण भारत भारी विदेशी कर्जे के बोझ के नीचे दब गया है। विकास का जो रास्ता दिखाया गया उससे भारत के खेत एवं गांव उजड़ रहे हैं। वर्ष 2014 के चुनावों में जनता ने महान आकांक्षा के साथ परिवर्तन किया है। उन्होंने चेताते हुए कहा कि आगामी चुनाव में इंग्लैंड अथवा अमरीका वोट नहीं देगा अपितु भारत की जनता ही वोट देगी। स्वदेशी जागरण मंच देशहित के मुद्दे उठाते समय इस बात का विचार नहीं करेगा कि सत्ता में बैठे हुए लोग अपने है अथवा अन्य।

हुंकार सभा का संचालन राजस्थान प्रांत के सहसंयोजक श्री धर्मेन्द्र दुबे एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री भगीरथ चैधरी ने किया। 

संठनात्मक - मंच के अखिल भारतीय संगठक श्री कश्मीरी लाल ने संगठन के विस्तार के लिए देश भर से आए हुए प्रतिनिधियों को 5पी का मंत्र लिया। अर्थात 1. पत्रक, 2. पत्रिका, 3. प्रवास, 4. प्रचार, 5. प्रदर्शन। उन्होंने बताया कि देश के 387 जिलों में मंच की सक्रिय इकाईयां हैं। इस संख्या को आगामी वर्ष में ओर अधिक बढ़ाना है। सभी जिला संयेाजक अपने जिलों की टोली एवं कार्यकर्ताओं की सूचि अपने स्थानों पर तैयार करें। पत्रिका सदस्यता, विचार वलय को एक अभियान के रूप में आगामी वर्ष में देश भर में चलाना है। अनेक कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में अपने सुझाव रखें एवं प्रश्न भी पूछे, जिनका उत्तर श्री कश्मीरी लाल ने अपनी सहज शैली में दिया। 

अन्य - राष्ट्रीय सम्मेलन में जीएसटी के विषय पर उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के क्षेत्रीय संयोजक श्री संजीव महेश्वरी ने विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। आंध्र प्रदेश से आये हुए उद्योगपति श्री एम कालीदास ने उनके द्वारा चलाए जा रहे प्रयोग की जानकारी देते हुए बताया कि 100 वर्षों तक चलने वाली सड़कों का निर्माण करने की तकनीक उन्होंने विकसित की है एवं वे इसे सफलतापूर्वक बना भी रहे है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत यदि कोई कार्यकर्ता इस तकनीक का लाभ उठाना चाहे तो वे इसका प्रशिक्षण एवं यह तकनीक उपलब्ध करवाने को तैयार है। उन्होंने इस तकनीक के कार्बन क्रेडिट अर्जित करने के पक्ष पर भी विस्तार से बताया। पाली से लोकसभा सांसद पी.पी. चैधरी जो कि भूमि अधिग्रहण पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य भी है, ने सम्मेलन में बताया कि संयुक्त संसदीय समिति में सुनवाई के दौरान स्वदेशी जागरण मंच ने भूमि अधिग्रहण के विषय पर मुखरता से अपने विचार रखे। राजस्थान से राज्यसभा सांसद श्री नारायण पंचारिया भी सम्मेलन में उपस्थित हुए। काशी प्रांत के संगठक श्री अजय उपाध्याय ने काशी प्रांत के द्वारा प्रकाशित एवं श्री अशोक मोडक के द्वारा लिखित पुस्तक ‘दीनदयाल उपध्याय-प्रजातंत्र एवं ग्रामीण भारत’ के संबंध में विस्तार से बताया। ‘गौधन दर्शन’ पुस्तक के लेखक श्री अशोक कुमार शर्मा का श्री अरूण ओझा एवं श्री कश्मीरी लाल ने शाॅल पहनाकर अभिनन्दन किया। पेरिस में संपन्न हुए जलवायु सम्मेलन में भाग लेने श्री भगीरथ चैधरी गये थे। उन्होंने सम्मेलन की विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। दिनांक 25 दिसंबर 2015 को सायंकाल सभी प्रांतों की प्रांतानुसार बैठकें आयोजित की गई। इन बैठकों में प्रांत के कार्यकर्ताओं ने आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की योजना बनायी। अखिल भारतीय विचार मंडल प्रमुख श्री अजय पत्की ने विचार वलय को एक अभियान के रूप में चलाने के लिए कार्यकर्ताओं से आह्वान किया। श्री सरोज मित्र ने अखण्ड भारत की परिकल्पना पर अपने विचार रखें। श्री लक्ष्मीनारायण भाला ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पुस्तक 'RSS vision in Action' का पुनर्लेखन किया जा रहा है। इस पुस्तक में स्वदेशी जागरण मंच के बारे में भी विस्तार से उल्लेख करने हेतु सामग्री उनके मेल lakkida@gmail.com, Mob. No. 98184007139421777135 पर भेज सकते है। इस पुस्तक के पुनर्लेखन का दायित्व श्री भाला जी को ही सौंपा गया है।  

आगामी कार्यक्रम - 
सौर उर्जा पर सम्मलेन - दिनांक 20 फरवरी 2016 को नई दिल्ली में होगा। सभी प्रांतों से योग्य प्रतिनिधि इसमें आमंत्रित है।
कंेद्रीय कार्यसमिति बैठक - दिनांक 26-27 मार्च 2016 को मंच के नई दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में होगी।
राष्ट्रीय परिषद बैठक - दिनांक 21-22 मई 2016 को भोपाल (मध्य प्रदेश) में होगी।
देश भर में चीन के द्वारा सीमा एवं बाजार पर किए जा रहे आक्रमण के विरूद्व जन जागरण अभियान चलाना है।
विकास के माॅडल ‘सतत् विकास’ पर देश भर में चर्चा चलानी है। एवं डब्ल्यूटीओ, जैव संवृद्धित फसलें तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध में वातावरण निर्माण करना है। 
सौर उर्जा उत्पादन में लगाये जाने वाले उपकरण भारत के लघु उद्योगों में ही बनाए जाएं। इस मुद्दे पर जन जागरण अभियान चलाना है। 
अधिकाधिक स्थानों पर परिवार सम्मेलन आयोजित करने हंै। 
खंड/तहसील/जिला स्तर पर शिक्षक सम्मेलन आयोजित करने हैं। 
जिला स्तर पर ‘पत्रकारों से संवाद’ कार्यक्रम आयोजित करने है। 
ग्रामीण अंचल में स्वदेशी के प्रचार हेतु ‘चलो गांव की ओर’ अभियान चलाना है। 

नई नियुक्तियां - 
अखिल भारतीय 
1. श्री भगीरथ चैधरी- अखिल भारतीय प्रमुख (कृषि प्रकोष्ठ)
2. श्री संजीव महेश्वरी- अखिल भारतीय सहकोष प्रमुख एवं क्षेत्रीय संयोजक (उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड)
3. श्री एस.गुरूमूर्ति - व्यस्तताओं के कारण आपकी असमर्थता को देखते हुए राष्ट्रीय सहसंयोजक के दायित्व से मुक्त रहेंगे।
4. श्री सतीश कुमार- अखिल भारतीय सह-विचार मंडल प्रमुख एवं त्री क्षेत्र संगठक के रूप में पूर्ववत दायित्व निर्वहन करते रहेंगे।
5. डाॅ. निरंजन सिंह- अखिल भारतीय सहप्रचार प्रमुख

आंचलिक/क्षेत्रीय
1. श्री राजकुमार चतुर्वेदी-आंचलित विचार मंडल प्रमुख (राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र) 
2. श्री गोविन्दराम अग्रवाल- क्षेत्रीय विचार मंडल प्रमुख (उत्तर क्षेत्र)
3. श्री राजकुमार मित्तल- क्षेत्रीय सह विचार मंडल प्रमुख (उत्तर क्षेत्र)
4. श्री धर्मेन्द्र भदौरिया- क्षेत्रीय विचार मंडल प्रमुख (म.प्र., छत्तीसगढ़)
5. श्री मनोज द्विवेदी- क्षेत्रीय सह संपर्क प्रमुख (म.प्र., छत्तीसगढ़)
6. श्री बलराम नंदवानी- क्षेत्रीय सहसंयोजक (उत्तर क्षेत्र)
7. श्री के. महादेवय्या-सह क्षेत्र संयोजक (कर्नाटक, आं.प्र., तेलंगाना)

प्रांतीय
1. कर्नाटक- 1. श्री एस.सी. पाटिल-प्रांत सह संयोजक, 2. श्री एन.आर. मंजुनाथ-प्रांत सहसंयोजक, 
2. आंध्र प्रदेश- 1. श्री जनार्दन (सीए)-प्रांत संयोजक, 2. श्री कृष्ण भगवान-प्रांत संगठक
3. मध्य प्रदेश- 1. श्री अरूषेन्द्र कुमार-प्रांत सहसंयोजक, 2. श्री सुरेश बिजौलिया-प्रांत सहसंयोजक (मालवा)
4. हिमाचल प्रदेश- 1. श्री ललित कौशल-प्रांत सहसंयोजक, 2. श्री जनकराज मुदगिल-प्रांत कार्यसमिति सदस्य
5. पंजाब- श्री दिनकर पराशर-प्रांत सहसंयोजक
6. हरियाणा- 1. श्री विजय वत्स-प्रांत संयोजक, 2. श्री सतेन्द्र सरौत-प्रांत सहसंयोजक,
7. काशी- 1. श्री सर्वेश पांडेय-प्रांत संयोजक, 2. श्री विजय कुमार सिंह-प्रांत सहसंयोजक
8. राजस्थान- 1. श्री धर्मेन्द्र दुबे-प्रांत संयोजक, 2. श्री भगवती लाल जागेटिया-प्रांत सहसंयोजक, 3. श्री शंकरलाल शर्मा-प्रांत सहसंयोजक
9. दिल्ली- 1. श्री सुशील पांचाल-प्रांत संयोजक, 2. श्री कमल तिवारी- प्रांत सहसंयोजक, 3. श्री रविन्द्र सोलंकी-प्रांत सहसंयोजक, 4. श्री विकास चैधरी-दिल्ली, हरियाणा संघर्ष वाहिनी प्रमुख

राष्ट्रीय परिषद सदस्य
1. पंजाब- श्री गौरव टंडन, श्री जगमोहन सिंह, श्री मदनलाल, डाॅ. राकेश शर्मा, श्री रणवीर कुमार, श्रीमति सुशीला देवी, 2. जम्मू कश्मीर- श्री विपिन उपाध्याय, श्री चरण देव सिंह जमवाल, 3. हिमाचल प्रदेश- श्री आंेकार सिंह जयसवाल, श्री इंद्र ठाकुर, 4. बिहार- श्री यदुनंदन प्रसाद, 5. उड़ीसा- श्री अभय सामंत राय, श्री हिमांशु चैलिया, 6. मध्य प्रदेश- श्री श्रीराम गोयल, 7. उत्तर प्रदेश (पं.)- श्री अमिलेश अमित, श्री सर्वेश वाजपेयी।

समारोप - राष्ट्रीय सम्मेलन के समारोप सत्र में अखिल भारतीय संयोजक श्री अरूण ओझा, सहसंयोजक गण प्रो. भगवती प्रकाश, श्री सरोज मित्र, प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी, डाॅ. अश्वनी महाजन, श्री आर.सुन्दरम्, विद्या भारती के प्रतिनिधि श्री जी.आर. जगदीश, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख श्री लालजी भाई पटेल, अखिल भारतीय सहसंपर्क प्रमुख डाॅ. रणजीत सिंह, त्रीक्षेत्र संगठक श्री सतीश कुमार, श्री पुरूषोत्तम हिसारिया एवं श्री भगीरथ चैधरी मंचासीन थे। 
श्री धर्मेन्द्र दुबे ने व्यवस्था में लगे हुए सभी कार्यकर्ताओं का परिचय कराया। सभागार में उपस्थित प्रतिनिधियों ने व्यवस्था के कार्यकर्ताओं का तालियों के साथ अभिनन्दन किया। सत्र का संचालन श्री दीपक शर्मा ‘प्रदीप’ ने किया। धन्यवाद ज्ञापन श्री अतुल भंसाली ने किया।

श्री अरूण ओझा ने कहा कि जोधपुर में आयोजित किया गया 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन एक प्रकाश दीप की भांति है, जो कि भविष्य में रोशनी दिखाता रहेगा। उन्होंने कहा कि चाहे चिकित्सा का क्षेत्र हो, चाहे सरसों के तेल/शुद्ध घी को विस्थापित करके विदेशी खाद्य तेलों के आयात का क्षेत्र हो, अथवा हमारी भोजन पद्धति को लेकर फैलाये गए भ्रम हों, सभी के केंद्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा अपना बाजार फैलाने की योजना है। देश के करोड़ों किसानों के द्वारा बनाये गए दुग्ध उत्पादन/मूल्य संवर्धन  एवं वितरण के स्वदेशी ढांचे के बिखरने के संकेत मिल रहे हैं। दुग्ध उत्पादों के आयात के लिए मुक्त व्यापार समझौते खतरे की घंटी है।  मुक्त बाजारवाद के नाम पर दुनिया में शोषण और अत्याचार हो रहा है। आर्थिक सुधारो के नाम पर देश की अपनी अर्थव्यवस्था, संस्कृति एवं तंत्र को चरणबद्ध तरीके से नष्ट किया जा रहा है। विदेशी पूंजी के बिना देश का विकास रूक जायेगा, इस बात का हव्वा खड़ा किया जा रहा है। इन परिस्थितियों में हमें एक नई राह तलाशनी होगी, देश के बुद्धिजीवियों, अर्थशास्त्री एवं समाजशास्त्रियों को गांधी, अंबेडकर, दीनदयाल उपाध्याय एवं दत्तोपंत ठेंगडी के सपनों को साकार करना होगा। स्वदेशी जागरण मंच इस दिशा में एक प्रबल स्वर है। हमारे कार्यकर्ताओं को यह नहीं सोचना चाहिए कि देश जिस राह पर जा रहा है उसे हम अकेले किस प्रकार से रोक सकते है। उन्होंने चर्चिल की पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया आपके बारे में चाहे जो भी सोंचे किन्तु हमें अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन निरंतर करते रहना होगा। दत्तोपंत जी ने भी कहा था-It is better to be irresponsible but right. हम आगे बढ़े और परिवर्तन के सूत्रधार बनें, इसी आह्वान एवं बंदेमातरम् के गान के साथ 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हो गया।  
सादर,
भवदीय


दीपक शर्मा ‘प्रदीप’
प्रभारी, मुख्यालय



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