Wednesday, February 21, 2018

पक्षियों का संसार

पिछले दिनों जनवरी 2018 में मुम्बई में स्वदेशी के विचार विभाग की एक कार्यशाला हुई जनवरी 2018 में। वहाँ डॉ कौशल किशोर जी जमशेदपुर वालों ने पर्यावरण पर बोलते हुए पक्षी जगत की बात की। वे पक्षियों  पर ही डॉक्टरेट किये हुए है और उनकी रूचि भी इस विषय में बहुत है । सामान्यतः कहा जाता है कि कुल दुनियाँ में 10135 प्रजातियां पक्षियों की है जिनमे से 12 प्रतिशत से अधिक अर्थात 1266 भारत मे पाई जाती हैं। मजे की बात है कि 61 तो सिर्फ भारत मे ही पाई जाती हैं और 134 near endemic यानी लगभग अधिकांश भारत मे पाई जाती है और थोड़ी अधिक आस पास के देशों में।1947 के बाद मात्र 4 प्रजातियां ही नई खोजी गयी हैं। zoothra salimaliii नया संगीतमय आवाज़ वाला पक्षी अरुणाचल में सबसे नवीनतम खोज है।

2016 में अमेरिका में नई खोज के मुताबिक 18000 प्रजातीय हैं क्योंकि कई एक जैसी प्रजातियों को एक नहीं दो मां है।

 गीध तो स्माप्त प्रायः जैसी ही है। वजह भी पशुओं में declophenac का प्रयोग मन जाता है। राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण (ग्रेट indian bustard) जो सामान्यतः 15 किलो वजन और एक मीटर ऊंचाई का होता है, बहुत कम रह गया है। पर्यावरण और पक्षियों का गहरा  सम्बन्ध है।
अतः मैं सोचने लगा कि मैं कितने पक्षियों के नाम जानता हूँ। गिनने बैठा तो निराशा सी हुई कि हम तो मात्र एक या दो प्रतिशत को ही जानते है।
1.एक पक्षी जिसे हम चिड़िया ही कहते है, उसका ठीक नाम ही नहीं पता। बाद में भीलवाड़ा के महेश नवहाल जी के भेजे चार्ट से जाना कि उसका नाम घरेलू गोरैया (common sparrow) है।
2. हम अभी तक बैया baya weawer को ही गोरैया कहते थे।
3,4. कबूतर और कौआ तो बिल्कुल जान पहचान के है।
5.एक अन्य पक्षी जिसे हम लाहली कहते थे और स्टेशनों पर रात को वही सबसे ज्यादा शोर मचाते है, अब पता चला कि वही मैना या common Myna है।

6. फाख्ता या जिसे हम घुघ्घी कहते है, भोली भाली कबूतर जैसी और अक्सर कार आदि से टकराने के भोलापन वही करती है।
7.  कभी कभी नीलकंठ भी कहीं दिखाई दे जाता है, और शुभ भी माना जाता है। 8,9,10. चील, मुर्गा, मोर भी देखे भाले है।
11.कभी कभी तीतर भी पाले जाते है, इस कारण दिख जाते हैं।
12.गीध तो पहले बढ के वृक्ष पर काफी दिख जाते थे, अब एकदम विलुप्त से जीव हैं।
14.पहले कठफोवड़ा तो जैसे विलुप्त ही हो गया है, जो अपनी तेज चोंच से लकड़ी फोड़ते नज़र आते थे। आज पढ़ा तो उसका नाम हुदहुद लिखा था।
15.
अरे, तोता तो भूल ही गये।
16.बतख भी पालतू जीव है और लोग उसके मुर्गी के अंडों की तरह खाते सुना है।
17.इस प्रकार बगुला भी जोड़ लें तो ये संख्या पंद्रह बनती है। यानी हमारी पक्षियों से मित्रता की लिस्ट बनाये तो ये 17. ही मुश्किल से बैठे गई।

18.अब देखे तो लंबी टांगो वाला सारस भी देखा ही होगा।
19.सर्दियों में तालाबो में तैरती हुई बीच-बीच मे मुर्गाबी teal भी थोड़ी जानी पहचानी है।
22.कभी कभी टटीहरि भी जरूर देखी थी।
23.  आम पर बैठी कोयल भी कूकती हुई देखी है।
24.और उल्लू को तो भूल ही गए, आने वालेदिनों में शायद उल्लू को तो शहर के बच्चे नहीं देखे होंगे, उल्लू के पठ्ठे की गाली जरूर जानते रहेंगे।
25. एक पक्षियों का जोड़ा इधर दिल्ली में जरूर कई बार देखा, और हमेशा उसे जोड़े में देखा है। लंबा और स्लेटी रंग का, अब पता चला उसका नाम धनेश है। इसकी चोंच बड़ी व मजबूत हैऔर इसे अंग्रेजी में hornbill के नाम से जानते है। दुनिया में 55 और भारत में 9 प्रजातियां इस पक्षी की है और भारत में 2 फीट लंबे आकार के पाए जाते हैं । इसकी मादा वृक्ष की कोटर में बच्चे देती है और 2 से 6 अंडे देती है और बाहरी जगत से थोड़ा सा सुराख से सम्पर्क रहता है। नर गनेश की जिम्मेवारी चोंच से खाना देने की होती है, और बच्चे बड़े होने पर मादा दीवार तोड़ बाहर आती है। सुना है आजकल इनकी संख्या कम होती जा रही है क्योंकि लोग इसका शिकार खूब करते है।

27.पपीहे को भी गानों में सुना है, परंतु पहचान में नही है। और नाच मेरी
28. बुलबुल, भी खूब सुनी, पर कम ही कभी देखी है। आज छत पे गया तो पीछे अम्बवा पर नए आये बूर पर एक बुलबुल का जोड़ा फुदकते देखा। अतः ये सूची 9 की  हो गयी। अर्थात कम हो या ज्यादा दोस्ती हो, परंतु कुल मिलाकर 28 पक्षी ही जान पहचान के है। दिल्ली के पक्षियों की सूची देखी तो, और देश की सूची तो और भी ज्यादा, और दुनियां में तो कुल पक्षियों की प्रजातियां है।

29. Roufus treepie रूफस ट्रिपि 9 नवंबर 20 को इस्से वास्ता पड़ा  पहली बार रनथम्बोर शेर सैंक्चुअरी में। मैना जैसी लेकिन पूंछ लंबी घनेश जैसी, मनुष्यों से घुलने मिलने वाली। लगभग भारत में पाई जाती है। कंधे पर बैठकर बिस्कुट आदि उठा ले जाती है। इसे टका चोर भी कहते हैं, क्योंकि इसे चमकीली वस्तुओं को उठा ले जाने का शौक है। अन्य हिंदी नाम भी होंगे।

इनका ग्रुप: श्री सतीश आचार्य की बड़ी बेटी ऋषिता आचार्य ने बहुत से फ़ोटो पक्षियों के घोंसलों के बनाये हैं। ऐसे ही प्रोफ कौशल और एक प्रोफ़ेसर रामकुमार चौधरी जी के कॉलेज का भी खूब जानकारियां रखते हैं। 

Tuesday, February 20, 2018

गीत: धीरे धीरे यहां का मौसम बदलने

https://youtu.be/Thz0hS3B_c

दुष्यंत कवि के प्रेरक गीतों में अति उत्साह देने वाला गीत है और स्वर जानने के लिए ऊपर के लिंक को को कॉपी पेस्ट करें:
फिर धीरे-धीरे यहां का मौसम बदलने लगा है,
वातावरण सो रहा था अब आंख मलने लगा है

1.पिछले सफ़र की न पूछो , टूटा हुआ एक रथ है,
जो रुक गया था कहीं पर ,फिर साथ चलने लगा है

2.हमको पता भी नहीं था , वो आग ठण्डी पड़ी थी,
जिस आग पर आज पानी सहसा उबलने लगा है

3.जो आदमी मर चुके थे , मौजूद है इस सभा में,
हर एक सच कल्पना से आगे निकलने लगा है
4.बातें बहुत हो रही है , मेरे-तुमहारे विषय में,
जो रासते में खड़ा था परवत पिघलने लगा है.
5.ये घोषणा हो चुकी है , मेला लगेगा यहां पर,
हर आदमी घर पहुंचकर , कपड़े बदलने लगा है।
6.जो ठेंगड़ी जी ने रोपा, स्वदेशी मंच अब युवा है,
देशी विदेशी डाकुओं का, दम अब उखड़ने लगा है।

Thursday, February 8, 2018

उम्र तो सिर्फ अंक है क्या?

उम्र मात्र अंक मात्र है।
आज मैं आपको कुछ ऐसे तथ्य बताना चाहता हूं जिसके कारण लगेगा की उम्र बढ़ने के साथ आदमी कमजोर नहीं होता और ना ही होना चाहिए । उसके लिए एक कहानी सुनाई जाती है एक राजा के और उसका पुराना हाथी, जिसने बहुत युद्ध सफलतापूर्वक लड़े थे  और अब क्योंकि आयु बढ़ चुकी थी उसको आराम करने दिया जाता था। अचानक एक दिन वह तालाब के कीचड़ में फंस गया और बाहर नहीं निकल पाया उसकी स्थिति दयनीय हो गई । उसकी सहायता की गई लोगों ने बहुत जोर लगाया, चारो तरफ से  रस्सियां फेंकी गई, बांधी गई, खींची गई, पर बेकार । अंत में राजा ने एक पुराने मंत्री को बुलाया और उसने सलाह दी के आसपास युद्ध के नगाड़े बजाए जाए, दुंदभी भी बजाई।  जाए लोग हैरान अरे हाथी मर रहा है और यह युद्ध के साज, क्या मज़ाक है? लेकिन जैसे ही युद्ध के नगाड़े बजाए गए तो हाथी को लगा कि युद्ध होने वाला है, हो रहा है और वह पुराने रूप में आ गया और खुद जोर लगाता हुआ कीचड़ से बाहर। जोर-जोर से तालियां बजने लगी। मैन ऐसी ही कथा एक बूढ़े आदमी की सुनी जिससे पूछा गया कि इस बड़े वजन को उठा सकते हो क्या, तो वो बोला मुझे कुछ गांव से लोग बुलाने दो, जिन्हों उसके बुजुर्गों की गौरवशाली कथाएं सुनाई, विरदावली गाई, और वो व्यक्ति धीरे धीरे जोश में आता गया और, देखो,अरे,उस उत्साह में उस वजन को आश्चर्यजनक ढंग से उठा गया।आदमी बूढ़ा होने पर न,  हाथी बूढ़ा होने पर इतना कमजोर नहीं होता, जितना वो मानने लगे जाता है। हाथी को ढोल-नगाड़े बजाकर जगाना पड़ता है, आदमी को प्रेरक कथाओं, दृष्टांतो से ताक़तवर बनाया जा सकता है।  यही है हमारी आज की कथा का प्रारंभ।
उम्र एक सच्चाई है, परंतु उसमे दुःख ही दुख है, नया कुछ हो ही नहीं सकता ये एक झूठ है।
2. हम देखते हैं इस देश में भी 63 साल से ऊपर की उम्र में एक व्यक्ति प्रधानमंत्री बनता है प्रवास करता है ना दिन देखता है ना रात देखता है और सब लोग उसकी ऊर्जा की ऊर्जा की सराहना करते हैं , वो कभी छुट्टी नहीं लेता। और उसका नाम है नरेंद्र भाई मोदी
3. यह सामने वकील अभी 90 साल की कम उम्र का नहीं होगा परंतु आज भी उसकी चतुराई तर्कशीलता और चुस्ती देखकर बड़े-बड़े नौजवान लज्जित होते हैं इसका नाम है श्री राम जेठमलानी ।
अभी आपने देखा किस प्रकार श्री अरुण जेटली से सुप्रीम कोर्ट में भिड़ रहा था। किसी ने पूछा कि आप कैसे चुस्त रहते हो, बोला में जवानों के बीच रहता हूँ, उनकी तरह सोचता हूँ।
4.आगे देखें यह भी कोई कम फुर्ती लिए हुए नहीं है और आयु भी 90 से ऊपर है प्रधानमंत्री की दावेदारी पूरी थी और आज भी सक्रियता बरकरार है किसका नाम है लालकृष्ण आडवाणी।
5. दुनिया में अमिताभ बच्चन को ही देखना चाहिए आज 75 साल (1942) से ऊपर का है परंतु हर चीज में अति सक्रिय है ट्विटर पर Facebook पर। कौन बनेगा  करोड़पति में कितना समझदार लगता है, हर उत्तर ध्यान से सुनता है, तुरन्त मजाक बना लेता है, बिना किसी को छोटा बताए।
WhatsApp पर किस-किस में वह सक्रिय नहीं है उम्र को धत्ता बता रहा है शशि कपूर भी कम सक्रिय नहीं था 78  वर्ष (1938) की आयु में मैंने जब उसका ट्वीट पढ़ा था की किस प्रकार वह दुनिया की बड़ी कंपनियों में से एक मजाक उड़ा रहा था, ज़रा का, तो मैं हैरान रह गया धन्यवाद आगे देखिए
विदेशी उदाहरण:
6. आगे देखेंगे तो हमें हैरानी होगी की होगी एक व्यक्ति 70 साल तक व्यापार करता रहा और कभी छोटा सा चुनाव भी नहीं लड़ा पर अचानक अमेरिका की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ता है और राष्ट्रपति चुना जाता है नाम आप जानते हैं श्री डोनाल्ड ट्रंप, कभी पागल बूढ़ा कहा जाता था, सीरियसली नहीं लिया जाता था,

7. दक्षणी अफ्रिका में रंगभेदी नीति के विरुद्ध 76 साल तक तो लड़ने वाले और तत्पश्चात राष्ट्रपति , 1994 से 1999बनने वाले महापुरुष, 2013 में स्वर्गवास। 1918 में जन्मे, मायने जलियावाला बाग़ घटना से भी पहलेजन्मे  से हैम प्रेरणा ले सकते है - नेल्सन मंडेला I am not a saint, unless you think of a saint as a sinner who keeps on trying.( 95 वर्ष में गए।)
6. इसी प्रकार पुरानी इतिहास में भी देखें तो कई व्यक्ति हमको बहुत ताज्जुब करने वाले लोग होते हैं एक हार्ट सर्जन जिनकी आयु 99 वर्ष की थी वह राष्ट्राध्यक्षों के भी त्रिदेव की शल्य चिकित्सा करते थे ,Michel DeBake डबैक, इससे पहले उसके अपने लड़के का देहावसान हार्ट अटैक से मारा, रोलर पंप उस की ईजाद है।

7. और यह सामने चित्र लगा है एक व्यक्ति का जो 91 वर्ष की आयु में अपने युवा लेखक को चिढ़ा रहा है कि अगर कल रात आप स्पेन लिए लिए 16 गए होते तो हमारी इस ऐतिहासिक पुस्तकों की श्रृंखला का नोवा संग्रह पूर्ण हो गया होता मेरे सामने उस समय पूरा पैनोरमा था जो एक दो घंटा और चलता तो संग्रह पूरा हो जाता युवा लेखक बोलता है सर अब कर लीजिए पूरा नहीं अब तो नहीं हो सकता क्योंकि मैं थक चुका हूं और जाने की तैयारी में हूं और उसी दिन वह प्राण पखेरू उड़ जाते हैं और 91 वर्ष की आयु में वह महान इतिहासकार जिसको आधुनिक प्रोफेशनल इतिहास का पिता कहा जाता है शरीर छोड़ जाता है । नाम है लेइपोल्ड वन रैंक leopold Von Ranke जो जर्मन का रहने वाला था।

8. कुछ कोट्स मेरे सामने हैं हम इसलिए खेलना छोड़ देते हैं क्योंकि हम बूढ़े नहीं हो जाते हैं बल्कि इसलिए बूढ़े हो जाते हैं क्योंकि हम खेलना छोड़ देते हैं अज्ञात लेखक का यह वाक्य अति सराहनीय है

एक बूढ़े आदमी की टी-शर्ट पर लिखा वाक्य उसके लिए भी था और हमारे सबके लिए भी है:
I am not 60. I am 16 with 44 years of experience. Think different, problems are common to all but attitude makes the difference.
  मास्टर नत्था सिंह,
तन की मशीनरी ने जब ढंग से चलना सीखा, इस बूढ़े तन के हर इक, पुर्जे पे जंग आया, जीवन निकल गया तो, जीने का ढंग आया, जब शमा बुझ गयी तो, जीने का ढंग आया।
दूसरा भी बूढ़े व्यक्तियों को चिढ़ाने के लिए मास्टर जी प्रायः बोलते थे:
खुर हिले, ते हाथ ढीले, और कंधा बोझ न ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बांध भुस दे।
चुटकला, पत्थर और बूढ़ा आदमी, बुढ़ापे में
बूढ़े संतो की कथा, हमारा पंथ कब चलेगा।।।।

कुछ बाते,
1. सेहत के लिए समय लगाना, जैसे नहाने के लिए, शौच आदि के लिए, चार बातें, व्यायाम, आराम, भोजन, दवाई। अपने छोटे छीटे काम करते जाओ, एक एक कर बढ़ाते जाओ। दवाई डॉक्टर की लेते जाओ पर अपनी श्रद्धा की चीजें करते जाओ, तुलसी, अदरख, गिलोय, फल, त्रिफला, अजवाइन,आदि आदि।
2. बोलना कम, सुनना ज्यादा। अमिताभ जी जब कौन बनेगा करोड़पति में जब सु्नते है तो पूरा ध्यान से, एकाग्रता से, संवेदना से, एमपथी से,  न कि सिम्पथी से।
3. उसी परिवार के लिए नही, समाज के लिए। सभी बड़े काम ऐसे ही खड़े हुए है,
4. दिमागी फुर्ती बनाये रखें
5. पाजिटिविटी।
6. अपने पैरों पर खड़े रहे, परिवार पर भी निर्भर न रहे, कहानी इस घर को वृद्ध आश्रम बनाना है।
7.किसी ने ठीक ही लिखा

                  उम्र का बढ़ना तो

                   दस्तूरे-जहाँ है

                   महसूस न करो तो

                   बढ़ती कहां है ।

              उम्र को अगर

                   हराना है तो..  

                   शौक जिन्दा राखिए

                   घुटने चले या न चले

                   मन उड़ता परिंदा राखिए।।

                मुश्किलों का आना

                   'Part of life' है

   और उनमें से हँस कर बाहर आना

                  'Art of life' है ।।

वाजपेई जी की कविता उम्र की ऐसी तैसी

.. तजुर्बा एक ऐसी कंघी है जो भगवान तब देता है कि जब सिर के बाल उड़ जाते हैं यह विदेशी सोच है परंतु भारतीय सोच क्या है कि जब बच्चों के बाल बने होते हैं तो भगवान तजुर्बा रूपी कंगी दे देते हैं यह अपने बाल बांधने के लिए नहीं है यह बच्चों को सजाने संवारने के लिए क्योंकि मिली है। वाजपेई जी की कविता उम्र की ऐसी तैसी पढ़नी चाहिए।

चंद्रोदेवी व प्रकाशो देवी, गांव जोहड़ी, ज़िला बागपत शूटर की कहानी। कुल 55 साल की उम्र में शुरू किया, फिर दोनों देवरानी, जेठानी ने शुरू किया अभ्यास। फिर हेरोइन बनी। सांड की आंख में इन्ही का चित्रण।