Tuesday, December 5, 2017

पत्रकार परिषद राजस्थान (5-7 दिसंबर 2017 प्रवास पर)

आज हम यहां मुख्यतः चार विषयों पर चर्चा करने वाले हैं ।पहला कि "स्वदेशी अपनाओ, चाइनीज भगाओ"अभियान के अंतर्गत 29 अक्टूबर के दिल्ली के सफल कार्यक्रम के बाद उसका योग्य अनुवर्तन करना।२९ अक्तूबर दिन रविवार को रामलीला मैदान दिल्ली में एक लाख स्वदेशी प्रेमियों के इकट्ठा होने का
लक्ष्य भी पूर्ण होगया ।  बाद में महारैली का ग्यापन व घोषणापत्र देने हेतू एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल पूर्वनिर्धारित योजना अनुसार रक्षामंत्री निर्मलासीतारमन, खेलमंत्री विजय गोयल व भाजपा महामंत्री अरूणसिहं से मिला और ज्ञापन दिया। बडी सार्थक चर्चा हुई।सरकार इस व्यापार घाटे को पाटने व चीन संबंधी क्या क्या कर तरही है उन्होंने बताया। रक्षा मंत्री ने बताया कि 112 चीन निर्मित वस्तुओं पर एन्टी डम्पिंग लगाई है और अभी भी कई मामले इस दृष्टि से विचाराधीन है। व्यापार घटा भी चीन से 1.5  बिलयन घटा है। अन्य अंतर्राष्टीय मंचो पर ओबोर जैसे मामलों में चीन को कड़ी टक्कर दी है। मंच इस वर्ष भी कई प्रकार के पिछले अभियान अनुवर्तन के कदम रखे गए, यथा प्रान्तों में चीन के कारखानो का विरोध, सरकारी खरीद में चीनी माल नहीं खरीदना आदि।
     
दूसरा विषय रोजगार वृद्धि का है। जैसे कई अन्य विषयों में वर्तमान सरकार ने उपलब्धियां हासिल की है, रोजगार सृजन का मामला अभी अपेक्षाकृत कमजोर है। हर मास 10 लाख नए युवा बेरोजगारों में जुड़ते जा रहे हैं और प्रति वर्ष सवा करोड़ ये संख्या पहुंचती है। यद्यपि स्किल इंडिया, स्टार्टअप, मुद्रा सरीखी कई योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा प्रारम्भ हुई है परंतु ये सब ऊंट के मुंह मे जीरा साबित हो रही है। स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि एस पी गुप्ता कमेटी रिपोर्ट को नए सिरे से खंगाल कर लघु कुटीर व मझोले उद्योगों व कृषि क्षेत्र में नई रोजगार संभावनाओं को तलाशना चाहिए और विकास के मॉडल में भी एकात्म- मानवदर्शन के परिपेक्ष्य में योग्य बदल करनी चाहिए। मंच इस वर्ष कई प्रकार की गोष्ठियां, चर्चा, जनजागरण कार्यक्रम आदि के द्वारा इस विषय को आगे बढ़ाने वाला है।
तीसरा विषय पर्यावरण संरक्षण भी नए आयाम ले रहा है। स्वदेशी जागरण मंच दो आयामो को आगे बढ़ाने वाला है, एक विषमुक्त खेती और दूसरा नदियों के अतिक्रमण हटवाने, इन्हें स्वच्छ व अविरल बनाने के उपाय करने का प्रयास होगा। पर्यावरण संबंधी हर रिपोर्ट पहले से ज्यादा गंभीर, भयावह और चेतावनी देने वाली आ रही है।
चौथा विषय  है कि इसी दिसम्बर मास में अर्जेंटीना में विश्व व्यापार संगठन की 11वी मंत्रीय स्तरीय बैठक में मंच के दस सदस्यों की भागीदारी होगी । हमारा दल का प्रयास रहेगा अपनी सरकार से मिलकर कृषि की पीस क्लॉज़ मुद्दे पर दवाव बनाना है। यानी हमारी सरकार जितनी सब्सिडी किसान को देना चाहे, इस क्लॉज़ के हटते ही दे सकेगीं।अमरीका हरवर्ष अपने किसान को 54 हज़ार डॉलर की सब्सिडी देता है और भारत मात्र 108 डॉलर की, तो भी भारत पर सब्सिडी न देने के लिए क्यों दवाव बनाने का प्रयास निंदनीय है। दूसरा विषय है ई-कॉमर्स का। अमेजन, अलीबाबा सरीखी कंपनियां अपनी सरकार के माध्यम से अनेकों छूट इस मामले में चाहती है, जो कि भारत जैसे  विकासशील देशों के लिए खतरे की घंटी है। इसी प्रकार से अन्य मुद्दों, यथा बौद्धिक संपदा अधिकार, मछलीपालन आदि पर भी भारत इस बैठक में छोटे देशों से मिलकर दवाब डालेगा।
12 दिसम्बर को स्वदेशी शहीद बाबू गेनू के बलिदान दिवस को छोटी से छोटी इकाई पर श्रधांजिली कार्यक्रम करके उपर्युक्त विषयों की चर्चा करनी है।
   

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