Wednesday, January 6, 2021

संस्कृत प्रहसन

sanskrit bharti
पत्रकार आप स्वदेशी के हैं, मूल भाषा तो संस्कृत है, फिर वो तो आप लोग बोलते नहीं, प्रस्ताव अंग्रेजी में क्यों लाते हैं...
1. जानामि संस्कृतं न च में प्रवृति, न जानामि आँग्लम, न च में निवृति।
स्वदेशी आंदोलन आप लोगों ने ही चलाया या उससे भी पहले से चलता है?
2. यदा यदा ही अर्थस्य ग्लानिर्भवति, अभ्युथानम स्वदेशी भावं, तदात्मनः सृजाम्यहम।
मुख्य काम क्या है? 
3. परित्राणाय कारीगर नाम, परित्रणाय लघुउद्योगन नाम, प्रचारम स्वदेशी वस्तुम, 
विनाशाय च जनविरोधी बहुराष्ट्रीय उपकर्मा, 
आत्मनिर्भर भारत निर्माणं, 
तदतमनाम सृजमयं
4. आज सरकार, दुनियां तो ग्लोबलाइजेशन की ओर दौड़ रहा है, क्या सफलता मिलेगी।
निश्चितं!  निश्चितं!!
यत्र राष्ट्रऋषि ठेंगड़ी विचारं, यत्र अन्यान्य आर्थिक संगठननं योगदान, 
तत्र श्रीर्विजयो विभूति ध्रुवः नीतिर मति ममः।
इति पत्रकारवार्ता, धन्यवादम।

No comments:

Post a Comment