Monday, August 22, 2016

Bhopal Rashtriya bparishad, 21-22 May 2016

दिनांकः 4 जून 2016
विषयः राष्ट्रीय परिषद बैठक 21-22 मई 2016, भोपाल (म.प्र.) की कार्यवाही एवं लिए गए निर्णय

दिनांक 21 मई 2016 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के भोपाल स्थित कार्यालय के सभागार में मंच की राष्ट्रीय परिषद बैठक प्रातः 10.00 बजे प्रारंभ हुई। आंचलिक संघर्ष वाहिनी प्रमुख श्री वंदेशंकर सिंह (झारखंड) ने ‘‘आंधी क्या है - तूफान चले’’ गीत प्रस्तुत किया। मध्य प्रदेश के सह प्रांत संयोजक श्री अरूषेन्द्र शर्मा ने व्यवस्था संबंधी सूचनाएं प्रदान की। मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरूण ओझा, सह संयोजकगण प्रो. भगवती प्रकाश, श्री सरोज मित्र, प्रो. बी.एम.कुमारस्वामी, डाॅ. अश्वनी महाजन, सीए आर. सुन्दरम्, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय महामंत्री श्री जितेन्द्र गुप्त, वनवासी कल्याण आश्रम से श्री कृपा प्रसाद सिंह, श्री लक्ष्मी नारायण भाला ने भारत माता, राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगडी एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्रों के संमुख दीप प्रज्ज्वलन करके बैठक का उद्घाटन किया। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री दीपक शर्मा ‘प्रदीप’ ने बैठक का संचालन करते हुए देश भर से आए हुए प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
श्री अरूण ओझा ने कहा कि वर्ष 1999 में इसी ऐतिहासिक शहर भोपाल में मंच की राष्ट्रीय परिषद बैठक हुई थी। इसमें विश्व व्यापार संगठन के संबंध में भारत की भूमिका को लेकर नारा दिया गया था ‘‘मोड़ो-तोड़ो-छोड़ो’’। वर्ष 2016 में एक बार फिर यहां बैठक हो रही है। इतने वर्षों में मंच आगे तो बढ़ा है किंतु प्रगति संतोषजनक नहीं है। जिस तीव्रता से नए-नए आक्रमण हो रहे हैं हम उसी मात्रा में प्रतिकार नहीं कर पा रहे हैं। कहीं पानी पर धारा 144, कहीं जंगलों में आग, कहीं अति वृष्टि दिखाई दे रही है। सरकार की नीतियों में कुछ अंतर तो दिखाई दे रहा है। साथ ही साथ विकास की ललक के कारण देश के संसाधनों की भारी लूट का तंत्र खड़ा हो रहा है। वह हमें कहां ले जायेगा ? ‘‘इस प्रकार के विकास’’ से किस प्रकार वापस लौटा जाए ? इस बारे में हम इस बैठक में विचार करेंगे।
स प्रांतों के वृत्त विभिन्न कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने प्रांतों का विस्तृत वृत प्रस्तुत किया। 
स कार्य विभाग योजनाएं निम्नलिखित कार्यकर्ताओं ने प्रस्तुत की-
1. संपर्क विभाग-श्री लालजी भाई पटेल (अ.भा.संपर्क प्रमुख), 2. संघर्ष वाहिनी-श्री अन्नदा शंकर पाणीग्रही (अ.भा. संघर्ष वाहिनी प्रमुख), 3. कोष-श्री संजीव महेश्वरी सी.ए. (अ.भा. सह कोष प्रमुख), 4. प्रचार विभाग-डाॅ. निरंजन सिंह (अ.भा. सह प्रचार प्र्रमुख)। 
स पारित प्रस्तावः
1. ई-काॅमर्स व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश वापिस हो- डाॅ. अश्वनी महाजन ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया एवं डाॅ. देवेन्द्र विश्वकर्मा ने इसका समर्थन किया।
प्रस्ताव की भूमिका रखते हुए डाॅ. अश्वनी महाजन ने कहा कि इस विषय पर यू.पी.ए. सरकार के समय स्वदेशी जागरण मंच सहित अनेक संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। इसमें भारतीय जनता पार्टी ने घोषित रूप से पूरा समर्थन किया था एवं अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका उल्लेख किया। किंतु सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार इसे ‘‘चोर दरवाजे’’ से ला रही है। इससे भारी बेरोजगारी बढ़ेगी तथा व्यापार पर विदेशी कंपनियों का कब्जा हो जायेगा।
2. सस्ती दवाओं व चिकित्सा सेवाओं से चिकित्सा की सर्वसुलभता आवश्यक- डाॅ. भगवती प्रकाश ने यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया एवं डाॅ. बी.एल. जागेटिया (प्रांत सहसंयोजक, राजस्थान), प्रो. राजकुमार मित्तल (उत्तर क्षेत्र सह विचार मंडल प्रमुख) एवं श्री अमोल पुसद्कर (प्रांत संयोजक, महाराष्ट्र) ने इसका समर्थन किया।
प्रस्ताव की भूमिका रखते हुए डाॅ. भगवती प्रकाश ने कहा कि शहरी क्षेत्र की 70 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र की 63 प्रतिशत जनसंख्या प्राईवेट अस्पतालों में ईलाज करवाने के लिए मजबूर है। चिकित्सा अत्यंत मंहगी होती जा रही है जिसके कारण लोगों को या तो अपनी संपत्ति बेचनी पड़ती है या फिर भारी ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है। जिसके कारण प्रतिवर्ष कुल जनसंख्या के 2.2 प्रतिशत (2 करोड़ 70 लाख) लोग गरीबी रेखा से नीचे जा रहे हैं। अतः इलाज सस्ता एवं सुलभ होना चाहिए।
3. विकासः अस्तित्व के लिए - प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी ने इसका वाचन किया। श्री अरूण ओझा ने समर्थन किया। 
प्रस्ताव की भूमिका रखते हुए प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी ने कहा कि विकास का पश्चिमी माॅडल लालच पर आधारित है। इसमें मनुष्य-जीव-वनस्पति-पर्यावरण रक्षा-जल-जमीन-जंगल आदि के बीच में कोई सामंजस्य ही नहीं दिखाई देता। विकास के नाम पर संसाधनों की लूट के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। जिसके कारण मानवता का अस्तित्व ही संकट में पड़ रहा है। 
प्रस्तावों की प्रति संलग्न है।
विशेष व्याख्यान- वर्तमान आर्थिक परिदृश्य के विषय पर प्रो. भगवती प्रकाश, स्वदेशी एजेंडा के विषय पर श्री योगानंद काले (पूर्व राष्ट्रीय सहसंयोजक), आई.पी.आर. के विषय पर श्री कश्मीरी लाल एवं श्री भगवती प्रकाश, जी.एम. फसलों के विषय पर डाॅ. अश्वनी महाजन, मुक्त व्यापार समझौते के विषय पर श्री आर.सुन्दरम, सौर उर्जा के विषय पर श्री सतीश कुमार, स्वदेशी परंपराएं एवं खेल के विषय पर श्रीमति राजलक्ष्मी ने विस्तार से विषय रखा।  
राष्ट्रीय विचार वर्ग-
पूर्वी क्षेत्र- 13,14,15 अगस्त 2016, बलांगीर (उड़ीसा), प्रतिभागी संख्या- बिहार-30, झारखंड-40, उड़ीसा-70, असम-5, सिक्किम-5, अरूणाचल प्रदेश-2, कुल संख्या-152 प्रतिनिधि
पश्चिमी क्षेत्र - 22,23,24 जुलाई 2016, इंदौर (म.प्र.)। प्रतिभागी संख्याः महाराष्ट्र-20, गुजरात-22, म.प्र.-75, छत्तीसगढ़-15, कुल संख्या-132 प्रतिनिधि।
उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड क्षेत्रः 24,25,26 जून 2016, इलाहाबाद (उ.प्र.)। प्रतिभागी संख्याः प.उ.प्र.-40, अवध-30, काशी-70, उत्तराखंड-5, कुल संख्या-145 प्रतिनिधि।
उत्तर क्षेत्र- 10,11,12 जून 2016, पलवल (हरियाणा)। प्रतिभागी संख्याः जम्मू कश्मीर-5, हि.प्र.-25, पंजाब-25, हरियाणा-60, दिल्ली-75, राजस्थान-50। कुल संख्या-240 प्रतिनिधि।
दक्षिण क्षेत्र- तिथियों की सूचना शीघ्र भेजी जायेगी।
विचार वर्ग का प्रतिनिधि शुल्क रू. 250/- है।

राष्ट्रीय सभा - 12,13,14 नवंबर 2016, गीता निकेतन आवासीय विद्यालय, कुरूक्षेत्र (हरियाणा)। दिनांक 11 नवंबर को दोपहर 3.00 बजे राष्ट्रीय परिषद की बैठक इसी स्थान पर होगी। प्रतिभागी संख्याः केरल-10, तमिलनाडू-25 पुरूष 5 महिलाएं, कनार्टक-30 पु. 4 म., तेलंगाना-15 पु. 5 म., आंध्र प्रदेश-15 पु. 5 म., महाराष्ट्र-15 पु. 5 म., गुजरात-25 पु. 5 म., महाकौशल (म.प्र.)-35 पु. 10 म., मालवा (म.प्र.)-25 पु. 5 म., मध्य भारत-25पु. 10म., छत्तीसगढ़-15 पु. 5 म., राजस्थान-50 पु. 10 म., जम्मू कश्मीर-10पु., हि.प्र.-50 पु. 30 म., पंजाब-23 पु., 2 म., हरियाणा-70 पु. 10 म., दिल्ली-70 पु. 20 म., प.उ.प्र.-40 पु. 5 म., अवध-35 पु. 15 म., काशी-65 पु. 5 म., उत्तराखंड-25 पु. 5 म., बिहार-55 पु. 10 म., झारखंड-45 पु. 5 म., उडीसा-50 पु. 10 म., बंगाल-20 पु. 5 म., उत्तर पूर्व राज्य-10, कुल संख्या-853 पुरूष व 192 महिलाएंत्र1045 प्रतिनिधि।
प्रतिनिधि शुल्क- रू.300/- प्रति व्यक्ति।
पात्रता- राष्ट्रीय सभा में प्रांतीय परिषद के सदस्य एवं इससे उपर के स्तर के कार्यकर्ता अपेक्षित है। प्रांतीय परिषद से तात्पर्य यह है कि सभी नगर, जिला, विभाग एवं ऊपर स्तर के संयोजक/सह संयोजक/संगठक तथा समविचारी संगठनों के 2-2 प्रतिनिधि। सभी प्रांत अपने जिले/प्रांत का बैनर झंडे साथ लेकर आएं।
संगठनात्मकः श्री कश्मीरी लाल ने विभिन्न प्रांतों में संगठनात्मक ढांचा सुदृढ़ करने के सुझाव दिये। देशी विदेशी वस्तुओं की सूची, अधिकाधिक सदस्य बनाने, जिला/प्रांत विचार वर्ग आदि के विषय में चर्चा की।
अन्य: बैठक में स्वदेशी जागरण मंच के प्रथम राष्ट्रीय संगठक एवं राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगडी के अनन्य सहयोगी श्री रामदास पांडे (भारतीय मजदूर संघ), मध्य प्रदेश से पूर्व राज्यसभा सांसद श्री रघुनन्दन शर्मा, भारतीय मजदूर संघ (म.प्र.) के पूर्व प्रदेश महामंत्री श्री सुल्तान सिंह का परिचय श्री अरूण ओझा ने कराया। मध्य प्रदेश स्वदेशी जागरण मंच की ईकाई ने स्मारिका का विमोचन किया एवं मंचासीन सभी प्रतिनिधियों को स्मृति चिह्न भेंट किया। श्री अरूण ओझा ने व्यवस्था के सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन किया।
नई नियुक्तियांः निम्नलिखित कार्यकर्ताओं को नए दायित्व प्रदान किए -
क्षेत्रीय दायित्व- श्री रमेश दवे (गुजरात, महाराष्ट्र प्रांतों के सह क्षेत्र संयोजक),
प्रांतीय दायित्व - गुजरात-श्री धीरेन्द्र भाई जेठवा (प्रांत संयोजक), श्री हसमुख भाई ठाकर (प्रांत सहसंयोजक), श्री अश्विन भाई सोनी (प्रांत सहसंयोजक), 
तमिलनाडू- श्रीमति राजलक्ष्मी (प्रांत सहसंयोजक),
कर्नाटक- श्री विजय कृष्ण (प्रांत सहविचार मंडल प्रमुख), 
राष्ट्रीय परिषद सदस्य - श्री नीलेश भाई परमार (गुजरात), श्री प्रभास पाणीग्रही (उड़ीसा) 
आगामी कार्यक्रम/योजनाएं
1. बारहवीं राष्ट्रीय सभा - 12,13,14 नवंबर 2016, कुरूक्षेत्र (हरियाणा), दिनांक 11 नवंबर को दोपहर 3.00 बजे इसी स्थान पर रा.प. बैठक होगी।
2. केंद्रीय कार्यसमिति बैठक - 3,4 सितंबर 2016, नई दिल्ली
3. राष्ट्रीय विचार वर्ग - पत्रक में तिथियां व स्थान का उल्लेख किया गया है। 
4. बुद्धिजीवी सम्मेलन- दिल्ली के प्रतिष्ठित Delhi School of Economics एवं JNU सहित देश के 55 विश्वविद्यालयों में एक वर्ष में मंच के कार्यक्रम हुए हंै। इनमें से बुद्धिजीवियों को चिन्हित करके उनके नाम/पता दिल्ली में प्रो. राजकुमार मित्तल (उत्तर क्षेत्र सह विचार मंडल प्रमुख) को ईमेल (dr123mittal@yahoo.com)/फोन (08586888937) पर शीघ्र भेजें। जुलाई माह में ऐसे बुद्धिजीवियों का राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया जायेगा। 
5. संघर्ष वाहिनी बैठक - दिनांक 27,28 अगस्त 2016, तुलसी भवन, बिष्टुपुर, जमशेदपुर (झारखंड), यह बैठक दिनांक 27 अगस्त को प्रातः 10 बजे प्रारंभ होकर 28 अगस्त की देापहर 1.00 बजे तक चलेगी। इसमें सभी जिला/विभाग/नगर/प्रांत के संघर्ष वाहिनी प्रमुख अपेक्षित है। ऐसे कार्यकर्ता जिनको भविष्य में दायित्व दिया जा सकता है, वे भी अपेक्षित है। शुल्क-100 रू. प्रति व्यक्ति, संपर्क सूत्र- श्री बंदेशकर सिंह-आंचलिक संघर्ष वाहिनी प्रमुख (0943117966008987517941bandejsr@gmail.com)
6. चीन विरोधी अभियान- दीपावली से पूर्व एक सप्ताह तक चीनी वस्तुओं के विरोध में जन जागरण। रक्षा बंधन के अवसर पर भी जन जागरण करना है। जिलाधिकारियों को ज्ञापन भी देना है। 
7.  परिवार सम्मेलन- प्रखंड/नगर/जिला/विभाग/प्रांत स्तर की सभी ईकाईयो ने परिवार सम्मेलन आयोजित करने है।
8. स्वदेशी सप्ताह- 25 सिंतबर से 2 अक्टूबर तक स्वदेशी सप्ताह मनाना है। इससे पूर्व जिला/प्रखड/नगर/विभाग/प्रांत की ईकाईयों ने शिक्षक सम्मेलन करने हंै। इसका स्वाभाविक लाभ स्वदेशी सप्ताह की गतिविधियों में प्राप्त होगा। (स्वदेशीः क्या-क्यूं, कैसा को कार्यक्रमों का आधार बनाएं।)
9. नई इकाईयांे का गठन- प्रत्येक स्तर की ईकाई ने प्रयासपूर्वक नई इकाईयां खड़ी करनी है।
10. एफ.डी.आई. के मुद्दे पर सभी वर्गों में जन जागरण। यह संभव है कि राष्ट्रीय सभा में इस पर कोई देश व्यापी अभियान/जनमत संग्रह का निर्णय लिया जाए। अतः जन जागरण का कार्य पूरा करके ही राष्ट्रीय सभा में आएं। इस हेतु पदयात्राएं/पत्रक वितरण/मोटरसाईकल यात्रा व अन्य कार्यक्रम करें।
11. सौर उर्जा के विषय पर सभी प्रांतों ने कार्यक्रम करने हैं।
12. कृषि के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कार्यक्रम करने है।
13. बाबू गेनू बलिदान दिवस (इस अवसर पर दैनन्दिन जीवन में स्वदेशी को आधार बनाकर कार्यक्रम करने है।)
14. आई.पी.आर. से जुड़े योग्य बुद्धिजीवियों को चिन्हित करके उनकी जानकारी श्री सतीश कुमार को देनी है।
समारोप: श्री अरूण ओझा ने कहा कि दिनांक 2,3,4 सितंबर 1993 को मंच का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था। उस समय ठेंगडी जी ने कहा था कि स्वदेशी जागरण मंच का अपना कोई संगठन नहीं है। यह विभिन्न संगठनों का साझा मंच है। आज देखने में आ रहा है कि स्वदेशी जागरण मंच का अपना संगठन बढ़ रहा है। देश के अधिकांश जिलों से 1040 संयोजक/सहसंयोजक/संगठक स्तर के कार्यकर्ता कुरूक्षेत्र सभा में आ रहे हैं। किंतु हम संतुष्ट नहीं है। क्योंकि समस्याएं भी रोग-अपसंस्कृति-बेरोजगारी के रूप में बढ़ रही हैं। अतः सभी कार्यकर्ताओं को अपनी क्षमता शीघ्रता से बढ़ानी होगी। हम सभी दिए गए कार्यक्रमों पर पूरी शक्ति से काम करते हुए कुरूक्षेत्र की राष्ट्रीय सभा में पुनः एकत्रित होंगे। इसी आह्वान के साथ राष्ट्रीय परिषद बैठक संपन्न हो गई।
सादर,
भवदीय

दीपक शर्मा ‘प्रदीप’
प्रभारी, मुख्यालय

No comments:

Post a Comment