Monday, April 10, 2017

चीनी माल से रोजगार के अवसर घटे

चीनी माल से रोजगार के अवसर खत्म हुए।

1. सस्ते चीनी माल का जो सर्वाधिक बुरा प्रभाव हुआ है वह है हमारे रोजगार क्षेत्र पर। सन् 2000 से पहले भारत का खिलौना उद्योग एक बडा उद्योग था किन्तु चीनी खिलौना आयात ने इस उद्योग को चौपट किया इसमें लगे लाखों कारीगर बेकार हो गए धीरे-धीरे
2. अलीगढ़ का ताला उद्योग हो या रामपुर का चाक़ू उद्योग
3. पानीपत का दरी-कंबल उद्योग
4. अम्बाला की मिक्सी या
5. जालंधर की खेल वस्तु इण्डस्ट्री तेजी से बंद होती गई परिणाम स्वरूप तेजी से ही लोग बेरोजगार होते चले गए।
6. शिवाकाशी की पटाखा इण्डस्ट्री हो
7. या सूरत की साड़ी।
8. गुजरात का टाईल उद्योग हो या
9.  कानपुर का चमड़ा उद्योग,
10.  फिरोजाबाद का कांच उद्योग या
11.  लुधियाना की साईकिल इण्डस्ट्री

अ. उद्योग-इन सब पर सस्ते चीनी माल की भयंकर मार पड़ने से लाखों लोग गत 15-18 वर्षों में बेरोजगार हुए हैं।
B.अब फैक्ट्री मालिक उद्योगपति न होकर केवल ट्रेडर (व्यापारी) बन गए है। वे केवल चीनी माल का आयात कर कुछ मुनाफा कमा आगे बेच रहे है। इससे इन पर तो बहुत असर नहीं पड़ा उन्होंने तो फिर कमाई कर ही ली होगी किन्तु जो सबसे बड़ा असर पड़ा है वह है इन उद्योगों, फैक्ट्रीयों में काम करने वाले मजदूर वर्ग पर, तकनीशियन, इंजीनियर पर। वे बड़ी मात्रा में या तो बेराजगार हो गये या यहाँ-वहाँ किसी छोटे-मोटे काम को करने पर मजबूर हो गये। बाजार की रौनक बढ़ गयी लेकिन रोजगार शून्य होता गया।
चाकी को चलते देख के....

C. विनिर्माण क्षेत्र का आंकड़ा, 15 प्रतिशत, युद्धकाल 3.5% UPA माइनस जीरो तक।

D. अगर हमारा निर्यात बढ़ता है तो हमारे यहां का उत्पादन क्षेत्र बढ़ता है। इसका सीधा प्रभाव रोजगार पर पढ़ता है। अभी भारत सरकार की जो नई रिपोर्ट आई है उसके अनुसार भारत को हर साल 1.15 करोड़ रोजगार चाहिए। जितना युवा हमारा विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों से निकल रहा है उतने रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं है, क्योंकि भारत में युवाओं की संख्या ज्यादा है। यद्यपि यह हमारे देश का सौभाग्य है कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है।
E. विश्व के 200 देशों के कुल युवा (15-35 आयु वर्ग) का 60 प्रतिशत से अधिक भारत में है। जापान, यूरोप, चीन सब बूढे़ हो रहे हैं। लेकिन भारत एक जवान देश है। अभी 12-15 साल पहले यह धारणा थी-भारत की जनसंख्या बहुत बड़ी समस्या है। परिवार नियोजन के लिए विशेष भत्ता और कार्यक्रम दे रहे थे और 1975 में आपातकाल के समय पर तो जबरदस्ती पकड़कर परिवार नियोजन कर रहे थे, तब भी स्वदेशी विचारकों ने यह विचार दिया था कि भारत का युवा भारत के लिए समस्या नहीं है, समस्याओं का समाधान है,  देश का युवा विपत्ति नहीं देश की संपत्ति और शक्ति है। डेमोग्राफिक डिविडेंट न्य शब्द आया है। यदि युवाओं को हम रोजगार के अवसर नहीं दे पा रहे है तो इसमें युवाओं की गलती नहीं है। युवाओं को रोजगार देना हमारा मुख्य लक्ष्य है।
F.  इस समय भारत में रोजगार का मुख्य साधन खेती है। लेकिन उसकी भी एक सीमा है और देश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है। हालांकि वहां से 50 प्रतिशत से ज्यादा रोजगार पैदा हो रहा है परन्तु यह काफी नहीं है। रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा करने होंगे और उसके लिए उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाना होगा ताकि युवाओं को रोजगार मिलें। भारत केवल उपभोक्ता या खरीददार बना रहे अब यह नहीं होगा। इस बार हमारे देश ने प्रयोग (दीपावली पर) करके देखा और वह अत्यंत सफल भी रहा। इसे आगे बढ़ाने से रोजगार के क्षेत्र में भी बहुत लाभ मिलने वाला है।
G. TRUMP वहीँ जीता जहां रोजगार का नुकसान था। BREXIT वहीं समस्या। नेपाल से पलायन।
क्या में इसके लिए कुछ क्र सकता हूँ।

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