Sunday, February 5, 2012

आर्थिक महाशक्ति बनने के रह पर भारत - 2

Ch.1 (2)भारत के बड़ते हुए कदमो का ही परिणाम है की भारत आज कृषि , उद्योग तथा सूचना तकनीकी के उत्पदान में भी विश्व की एक बड़ी शक्ति बन चुका है | भारत की ओद्योगिक वृद्वि दर २००९ में ८.२ % थी तथा विश्व में भारत का स्थान ९व था , अब अप्रैल - अगस्त २०१० के समय के दौरान यह बढ कर १०.६ % तक पहुँच चुकी है | भारत की उद्योगिक सफलता का अगर एक उदाहरन देखना हो तो वह भारत का कार उद्योग है | २००९ में भारत ने अपने औद्योगिक विकास में एक मील का पत्थर स्थापित किया जब पहली छिमाही में चीन से भी २० % ज्यादा कारों का निर्यात भारत ने किया | सिर्फ निर्यात ही नही तो भारत में कारों की घरेलू मांग भी ३० % तक हर साल बढ रही है जिसे भारत के उद्योग पूरा करने में लगे है | टाटा ने दुनिया की सबसे सटी कार नैनो बना कर पूरे विश्व को हैरान कर दिया | भारत की इसी सफलता को देखते हुए फोर्ड कम्पनी ने एलान किया है की वह अपनी छोटी कार फिगो के निर्माण के लिए भारत को हब बनाएगी | रिनोल्ट / निस्सन ने भी जल्दी ही एक बहुत सस्ती कार बनाने की घोषणा की और कहा की यह सिर्फ भारत में ही बनायीं जा सकती है | भारत इस समय हर साल I मिलियन मोटरसाईकल बेच रहा है |
भारत का उद्योग जगत और उद्यमी आज पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ रहे हैं | इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की २००५-०९ के ४ सालो में भारत की कंपनियों ने ८०० विदेशी कम्पनियों का अधिग्रहण किया है | कुछ समय पहले तक बस यही सुना जाता था की आज भारत की वह कंपनी विदेशी कम्पनी ने खरीद ली , आज यह कंपनी खरीद ली पर अब हालात बदल रहे है | टाटा ने जगुआर मोटर तथा कोरस स्टील जैसी यूरोप की विशाल कम्पनिया खरीद कर भारत की उद्योगिक सफलता का झंडा गाड़ा है | भारत के उद्यमियों की इसी सफलता का ही परिणाम है की आज विश्व की कई बड़ी कम्पनियों ने भारतीयों को अपनी कम्पनियों में महत्वपूरण सथानो पर बैठाया है | लगभग ५० बड़ी अमरीकी कम्पनियों के प्रमुख पदों पर आज भारतीय बैठे हैं | इन्द्र नुई पेप्सिको की चैयरमैन बनी तो विक्रम पंडित को सिटी बैंक का सीईओ बना कर बैंक को मंदी से उभरने का जिम्मा सोंपा गया | इस से पहले रजत गुप्ता ने मैकंजी के सीईओ के नाते जबरदस्त सफलता प्राप्त की थी | विनोद खोसला इस समय अमरीका के पहले पांच venture capitalists में से एक माने जाते हैं | यह भारत की बढती शक्ति का ही प्रतीक है |
हलाकि भारत में कृषि की वृद्वि दर ज्यादा बढ नहीं रही है इसके बावजूद भी कृषि उत्पदान में भारत लगातार बढता जा रहा है | इस समय भारत विश्व का दूसरा सबसे बडा कृषि उत्पादक देश बन गया है | गेहू , चावल , चीनी , कपास , तथा सिल्क में भारत विश्व का दुसरे नंबर का उत्पादक देश है | इतना ही नहीं तो भारत दूध , काजू , नारियल , चाय , हल्दी , अदरक तथा कलि मिर्च का विश्व का सबसे बडा उत्पादक है | बढते फल उत्पदान के कारण आज भारत विश्व में सबसे ज्यादा फल उत्पदान करने वाला देश बन गया है तथा विश्व के १० % फल का उत्पादन सिर्फ भारत की करता है | मश्ली उत्पादन में भी भारत का स्थान काफी महाताव्पूरण हो गया है तथा इस समय भारत विश्व का तीसरा सबसे बडा मश्ली उत्पादक देश बन गया है |

सूचना तकनीकी के क्षेत्र में भी भारत एक बड़ी शक्ति बन के उभर चुका है जिसका भारत की अर्थव्यवस्था को भारी फायदा मिल रहा है | अच्छी गुणवत्ता के मानव संसाधन के कारण भारत इस क्षेत्र में लगातार बढता जा रहा है | सूचना तकनीकी की भारत की जी डी पी में हिस्सेदारी २००६-०७ में ४.८ % थी जो २००८ में बढ कर ७ % तक पहुँच गयी है | विश्व की तकनीकी आउट्सोर्स वाली सबसे बड़ी १५ कम्पनियों में से ८ भारत की है जो भारत की इस क्षेत्र में मजबूती को दर्शाती है | सूचना तकनीकी की अयुत्सोर्सिंग से भारत ने २००९ मे $ ६० बिलियन कमाए है जबकि २०२० तक इसके $ २२५ बिलियन तक पहुँच जाने की सम्भावना है | संचार के क्षेत्र में भी भारत लगातार आगे बढ रहा है | भारत इस समय चीन को पछाड़ कर मोबाइल फोन की विश्व की सबसे तेजी से बढती मार्केट बन चुका है | एक अनुमान के अनुसार भारत में इस समय १०-१५ लाख मोबाइल कनेक्शन हर महीने ख़रीदे जा रहे हैं और भारत में मोबाइल धारको की संख्या ५० करोड़ तक पहुँच गयी है , और इस में आधे से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में हैं | भले ही आपको आश्चर्यजनक लगे परन्तु सत्य है की भारत इस समय दुनिया के ६० से भी ज्यादा देशो को ६० मिलियन मोबाइल फोन बेच रहा है और २०१२ तक यह आंकड़ा २५० मिलियन तक पहुँचने का अनुमान है | भारत इस समय मोबाइल फोन उत्पादन का वैश्विक हब बन चुका है |

अन्तरिक्ष के क्षेत्र में भी भारत के बड़ते कदमो ने विश्व को चकित कर दिया है | अभी हाल ही में भारत ने मात्र $ ७५ मिलियन डालर की कीमत के ' चंद्रयान १' से चाँद पर पानी की खोज करके इस क्षेत्र में अपनी शक्ति दिखा दी है | यह सफलता विश्व के लिए कितनी महत्व की है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की नासा ने प्रेस कांफेरेंस कर के इस अभियान की सफलता की ख़ुशी मनाई | भारत की यह सफलता इस लिए भी महत्त्व की है क्यूंकि यह यान विश्व के किसी भी यान से २० % कम कीमत में बनाया गया था | इसके साथ ही भारत विश्व में अमरीका , रूस , चीन , जापान और यूरोपियन अन्तरिक्ष एजंसी के साथ लूनर क्लब का ६ वा देश बन गया है |

भारत के आर्थिक विकास के यह कुछ उदाहरन यह बताने के लिए पर्याप्त है की भारत तेजी से आर्थिक महाशक्ति बन कर विश्व में उभर रहा है | भारत की यह आर्थिक वृद्वि और भी महत्त्व पूरण हो जाती है जब हम यह देखते है की चीन के मुकाबले हमारे ऋण आधी रफ़्तार से बढ रहे है जबकि विकास की दर में हम ज्यादा पीछे नहीं है | २०२० तक लगभग ८ % की दर से वृद्वि का अनुमान , सबसे युवा सबसे ज्यादा बचत करने वाली तथा कम कर्जदार जनसँख्या के बल पर भारत के आर्थिक विकास की यह कहानी और भी ज्यादा मजबूत होगी |आज भले ही विश्व भारत की इस समृद्वि को आश्चर्य से देख रहा है | परन्तु हमें यह भी विचार करना है की क्या भारत की यह समृद्वि भारत के लिए कोई नयी चीज है या फिर भारत में आर्थिक शक्ति बनने की एक स्वाभाविक अंतर निहित क्षमता है | इसके लिए हमें भारत के इतिहास में जा कर उस समय की आर्थिक स्थ्तियो का भी विश्लेषण करना होगा | इसके साथ ही हमें यह भी देखना होगा की भारत की क्षमताएं क्या है जिनके दम पर हमें आगे बदना है | आज निश्चित रूप से भारत एक बढ शक्ति बन चुका है परन्तु अभी भी कई चुनौतिया भारत की राह में है जिनको हमें ठीक से समझाना होगा तथा उनका समाधान करना होगा |

No comments:

Post a Comment